Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 12 Jul, 2019 05:30 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सैन्य बलों में गोलाबारूद से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने और इनसे होने वाली जान-माल की हानि को कम करने की प्रणाली विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की एक विशेष समिति की अध्यक्षता की
नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सैन्य बलों में गोलाबारूद से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने और इनसे होने वाली जान-माल की हानि को कम करने की प्रणाली विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की एक विशेष समिति की अध्यक्षता की। इसमें रक्षा मंत्री ने विशेषज्ञों द्वारा की गई सिफारिशों की समीक्षा भी की।
रक्षा मंत्री के आदेश पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सेना के पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कम्पोज के नेतृत्व में आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी), गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) समेत डीआरडीओ के अन्य सदस्यों को शामिल करके एक कार्य बल का गठन किया।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सैनिकों और आम लोगों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। समिति द्वारा की गई सिफारिशों की प्रंशसा करते हुए उन्होंने इसे तेजी से लागू करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किये गए अनेक गोला बारूद भंडार गृहों के निर्माण के लिए डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, इन भंडार गृहों ने दुर्घटना होने के बावजूद जान की हानि को बहुत हद तक रोका है। समिति के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कम्पोज ने गोला बारूद के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा इन्हें कम करने के उपायों के बारे में जानकारी रक्षा मंत्री को दी।