Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Nov, 2024 08:30 AM
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार देर रात नए दिशा-निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्कूलों को...
नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार देर रात नए दिशा-निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्कूलों को लेकर बदलाव किए गए हैं।
स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन और फिजिकल, दोनों माध्यमों में चलेंगी
आदेश के मुताबिक, अब एनसीआर के सभी स्कूलों को प्रदूषण के दिनों में हाइब्रिड मोड में चलाना होगा। इसका मतलब यह है कि स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन और फिजिकल, दोनों माध्यमों में चलेंगी। अभिभावकों को यह विकल्प मिलेगा कि वे चाहें तो अपने बच्चों को स्कूल भेजें या घर से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने दें। यह निर्णय पूरी तरह से अभिभावकों और राज्य सरकारों पर निर्भर होगा।
इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह निर्देश दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गौतम बुद्ध नगर में अनिवार्य है। एनसीआर के शेष जिलों के लिए राज्य सरकारों को इस पर विचार करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में छात्रों की समस्याओं को लेकर चिंता जताई थी। अदालत ने कहा कि फिजिकल कक्षाएं न होने से कई छात्र मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) से वंचित हो रहे हैं, जबकि कुछ के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन भी नहीं हैं। कोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में नियमित कक्षाएं शुरू करने पर विचार करने का सुझाव दिया था।
दिल्ली की दमघोंटू हवा
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर सोमवार को और खराब हो गया। 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रविवार के 318 से बढ़कर सोमवार को 349 पर पहुंच गया। दिनभर स्मॉग की पतली परत आसमान पर छाई रही, जो प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।
आने वाले दिनों में स्थिति और खराब
स्विस कंपनी के ऐप IQair और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों में भी अंतर देखा गया। हालांकि, दोनों ने अगले तीन से छह दिनों तक वायु गुणवत्ता के ''बहुत खराब'' से ''गंभीर'' श्रेणी में बने रहने की संभावना जताई है।
यह स्थिति छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। नए निर्देशों के जरिए प्रशासन ने प्रदूषण से बचाव के साथ-साथ शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने की कोशिश की है।