दुनिया में 93 फीसदी बच्चे प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर: WHO

Edited By Anil dev,Updated: 30 Oct, 2018 08:49 AM

delhi air pollution world health organization manoj tiwari

दिल्ली के साथ देश और दुनिया भी वायु प्रदूषण की चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण और बच्चों पर जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 18 साल से कम उम्र के 93 फीसदी लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिल्ली के साथ देश और दुनिया भी वायु प्रदूषण की चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण और बच्चों पर जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 18 साल से कम उम्र के 93 फीसदी लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। 'वायु प्रदूषण और बाल स्वास्थ्य : स्वच्छ वायु निर्धारित करना' नाम से जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2016 में वायु प्रदूषण से होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों की वजह से दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र के 5.4 लाख बच्चों की मौत हुई है। 

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5 साल से कम उम्र के 10 बच्चों की मौत में से 1 बच्चे की मौत का कारण प्रदूषित हवा है। भारत जैसे देश में लगभग पूरी जनसंख्या डब्ल्यूएचओ और राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों से अधिक प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर है। ग्रीनपीस इंडिया के वायु प्रदूषण कैंपेनर सुनील दहिया ने बताया कि वैश्विक स्तर पर सैटेलाइट डाटा के विश्लेषण के मुताबिक कोयला और परिवहन उत्सर्जन के दो प्रमुख स्रोत हैं। नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ2) भी पीएम 2.5 और ओजोन परत को कमजोर करता है और वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक रूप में फैलाने के लिए जिम्मेदार होता है। देश में दिल्ली-एनसीआर, सोनभद्र-सिंगरौली, कोरबा और ओडिशा का तेलचर क्षेत्र उन 50 क्षेत्रों की सूची में शामिल है, जहां वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा है। इन तथ्यों से साफ है कि ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन जलने का वायु प्रदूषण से सीधा संबंध है। 

दिल्ली में यहां ज्यादा खराब हालात

 मुंडका    804
 श्रीनिवासपुरी  669
पूसा      488
आनंद विहार   469
 
जेएनएल स्टेडियम 
421
 डीटीयू     413
शहीद सुखदेव कॉलेज 390
सत्यवती कॉलेज     387
 आरके पुरम   324
इंडिया गेट    319

 
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मनोज तिवारी ने मास्क बांटे
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सोमवार को पालिका बाजार में जनता के बीच एंटी पॉल्यूशन फेस मास्क का वितरण किया। उन्होंने दिल्ली के कई स्थानों पर बढ़ते पीएम लेवल पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए खतरनाक है। दिल्ली सरकार की भर्त्सना करते हुए तिवारी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के विकास के लिए न तो गंभीर हैं और न ही प्रतिबद्ध, जिसके कारण दिल्ली गैस चेम्बर बनती जा रही है। 

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हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’
सोमवार को भी दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। शाम करीब 4 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का औसत स्तर 367 रहा, जो बहुत खराब माना जाता है। पड़ोसी शहर गाजियाबाद की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही, जहां एक्यूआई स्तर 430 रहा, जबकि गुरुग्राम का स्तर 389, नोएडा का स्तर 374 और ग्रेटर नोएडा का स्तर 385 रहा। गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी बहुत खराब श्रेणी में रहे। अधिकारियों की मानें तो निर्माण कार्य, वाहनों से होने वाले प्रदूषण और पंजाब-हरियाणा में खेतों में पराली जलाए जाने से एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ा है। नवंबर के शुरुआती दिनों में दीपावली जैसा बड़ा त्योहार है। आतिशबाजी की वजह से हालात और खराब होने की आशंका है।

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