Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Sep, 2018 02:13 PM
उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में पिछले दिनों लगातार तीन दिन हुई बारिश के बाद दिल्ली की हवा का स्तर सुधर गया था। लेकिन अब मानसून की विदाई के बाद एक बार फिर से दिल्ली की हवा खराब होने लग गई है। बारिश के बाद बदले मौसम से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की...
नई दिल्लीः उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में पिछले दिनों लगातार तीन दिन हुई बारिश के बाद दिल्ली की हवा का स्तर सुधर गया था। लेकिन अब मानसून की विदाई के बाद एक बार फिर से दिल्ली की हवा खराब होने लग गई है। बारिश के बाद बदले मौसम से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की एयर क्वालिटी बिगड़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) शनिवार को दिल्ली हवा के आकड़ें बताए जिसके मुताबिक हवा का स्तर 219 पार्टिकुलेट मैटर (PM) पर पहुंच गया, जोकि बेहद खतरनाक है। हवा का यह स्तर कुछ दिन पहले 50 PM था। बोर्ट के मुताबिक हवा का स्तर गिरने की वजह स्थानीय कारण हैं।
मॉनसून ने विदाई ले ली है और हवाएं भी धीमी हो गईं है। इससे हवा में पार्टिकुलेट मैटर 10 का लेवल बढ़ रहा है। पार्टिकुलेट मैटर वह तत्व है जो हवा को प्रदूषित करता है। बीते कुछ सालों में इसकी वजह से ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में स्मॉग फैला जिससे शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि CPCB ने कहा कि मानसून के लौटने के एकदम बाद मौसम करवट लेता और हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है लेकिन जब फिर से हवा तेज बहने लगेगी तो हालात ठीक हो जाएंगे।
वहीं दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने डेडलाइन दी थी जोकि 30 सितंबर को खत्म हो रही है। DPCC ने 29 जून को एक नोटिफिकेश जारी किया था, जिसमें उद्योगों से कहा गया था कि वे LPG, CNG, PNG, डीजल, पेट्रोल और एविएशन टरबाइन फ्यूल का इस्तेमाल करें। DPCC ने ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।