Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Nov, 2020 04:20 PM
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि आप सरकार के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में इस बार दीपावली पर करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पटाखे नहीं जलाए और अगले साल नतीजे इससे बेहतर होंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि आप सरकार के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में इस बार दीपावली पर करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पटाखे नहीं जलाए और अगले साल नतीजे इससे बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या का दीर्घकालिक उपाय ‘एक दिन में नहीं खोजा जा सकता।'
राय ने पत्रकारों से कहा, ‘सरकार के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर के करीब 70 प्रतिशत निवासियों ने पटाखे नहीं जलाए। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले साल नतीजे और बेहतर होंगे।' दिल्ली सरकार ने पांच नवंबर को शहर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल पर 30 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।
राय ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए कहा कि पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाया गया ‘बायो-डी कम्पोज़र' पराली जलाने का दीर्घकालिक समाधान है। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार इस मिश्रण से 15 से 20 दिन में पराली को खाद में बदला जा सकता है, जिससे इसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘प्रदूषण के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, अगर यह वाहनों की वजह से है तो उनकी संख्या कम की जाए, या ‘रेड लाइट' पर इन्हें बंद किया जाए। अगर यह पराली जलाने की वजह से है तो पूसा के ‘बायो-डी कम्पोज़र' का इस्तेमाल किया जाए।'