दिल्ली सरकार मार्च 2023 तक यमुना के प्रदूषण को 90 प्रतिशत खत्म करेगी: केजरीवाल

Edited By Anil dev,Updated: 18 Nov, 2020 05:29 PM

delhi arvind kejriwal yamuna delhi water board

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर दिल्ली के जल मंत्री सतेंद्र जैन और डीजेबी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज समीक्षा बैठक की।

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर दिल्ली के जल मंत्री सतेंद्र जैन और डीजेबी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज समीक्षा बैठक की। डीजेबी ने मुख्यमंत्री के सामने 2023 तक यमुना नदी के प्रदूषण को 90 प्रतिशत तक कम करने संबंधित विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्लान को हरी झंडी देते हुए डीजेबी को हर हाल में 2023 तक यमुना के प्रदूषण को 90 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। कार्य योजना के तहत हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली के घरों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को आधुनिक तकनीक से शोधित करके करीब 400 एमजीडी पानी का सिंचाई व पार्क आदि में पुन: उपयोग किया जाएगा। अभी दिल्ली में करीब 90 एमजीडी पानी का ही पुन: उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, जिन घरों में सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल हो रहा है, उन टैंकों से डीजेबी ठोस कचरा खुद उठाएगा और उससे बिजली बनाने की तैयार है।

PunjabKesari

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली जल बोर्ड के साथ समीक्षा बैठक में दो अहम बिन्दुओं पर चर्चा की। पहला, यमुना को कैसे प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है? और दूसरा, जल बोर्ड द्वारा शोधित किए जा रहे पानी का कितना दोबारा उपयोग किया जा सकता है। दिल्ली जल बोर्ड ने इन दोनों बिंदुओं पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत की। डीजेबी ने यमुना को साफ करने के संबंध में प्रजेंटेंशन देते हुए बताया कि जल बोर्ड चार प्रमुख बिंदुओं पर हस्तक्षेप करेगा, ताकि यमुना को निर्धारित समय सीमा के अंदर साफ किया जा सके। पहला, हरियाणा से बादशाहपुर ड्रेन के जरिए यमुना में करीब 90 एमजीडी गंदा पानी गिरता है। इस गंदे पानी को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ड्रेन के अंदर ही शोधित किया जाएगा। दूसरा, दिल्ली में छोटे-बड़े नालों से होकर जो भी गंदा पानी बह रहा है, उस पानी को टैप करके एसटीपी में लेकर जाया जाएगा। तीसरा, अभी दिल्ली में जो एसटीपी चल रहे हैं, उनकी गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा। एसटीपी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सभी उपकरणों को अपग्रेड करने के साथ कई कदम उठाए जाएंगे। चौथा, जब गंदे पानी को साफ किया जाता है, तो उसमें से कचरा निकलता है। 

PunjabKesari

साथ ही दिल्ली में करीब 50 प्रतिशत घर सीवर लाइन से कनेक्ट नहीं हैं, अभी इस पर काम चल रहा है। इन घरों में सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल किया जाता है। जल बोर्ड की योजना है कि आने वाले समय में वो उन सेप्टिक टैंकों से ठोस कचरा को एकत्र करेगा और बॉयो गैस प्लांट की मदद से बिजली बना कर अपने प्लांट में उपयोग करेगा। समीक्षा बैठक के दौरान डीजेबी द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर सभी प्रमुख नालों और एसटीपी से निकल कर यमुना नदी में गिरने वाले प्रदूषित पानी को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। दिल्ली के प्रमुख चार से पांच नालों से गंदा पानी निकल कर यमुना में गिरता है। इसमें नजफगढ़, शहादरा ड्रेन, बारापुला ड्रेस न, दिल्ली गेट नाला और मोरी गेट का नाला शामिल है। इन सभी नालों में गंदा पानी आने के दो प्रमुख स्रोत हैं। पहला, एसटीपी से इन नालों में पानी डाला जाता है या दूसरा, घरों का गंदा पानी नालियों से होकर आता है। केवल नजफगढ़ और शहादरा के नालों में एसटीपी व घरों के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी गंदा पानी आता है। डीजेबी पहले सभी एसटीपी को अपग्रेड करेगा और नालों से होकर आने वाले गंदे पानी को टैप करके एसटीपी में ले जाकर शोधित करेगा। हरियाणा से बादशाहपुर नाले के जरिए 90 एमजीडी पानी यमुना में आकर गिरता है, इस पानी को नाले के अंदर ही शोधित किया जाएगा। 

PunjabKesari

हरियाणा से आने वाला 15 एमजीडी गंदे पानी को नरेला स्थित एसटीपी में ले जाकर शोधित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी गंदा पानी आता है, उसे कोंडली एसटीपी में ले जाकर शोधित किया जाएगा। कई चरणों में इस कार्य को पूरा किया जाएगा और सभी के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई। डीजेबी ने मोटे तौर पर मार्च 2023 तक यमुना के प्रदूषण को 90 प्रतिशत तक कम करने की कार्य योजना प्रस्तुत किया है। इस दौरान दिल्ली में लगे एसटीपी से शोधित होने वाले पानी और उसके पुन: उपयोग को लेकर भी समीक्षा की गई। दिल्ली में मौजूदा एसटीपी से करीब 520 एमजीडी पानी को साफ करके वापस नालों में डाला जाता है। इसमें से करीब 90 एमजीडी पानी का अभी पीडब्ल्यूडी और पार्कों में आदि में पुन: उपयोग कर लिया जाता है, लेकिन अभी 430 एमजीडी पानी का पुन: उपयोग नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के सामने डीजेबी ने इस पानी को भी पुन: उपयोग करने की कार्य योजना प्रस्तुत किया कि कैसे इस पानी पुन: उपयोग कर सकते हैं। इस शोधित पानी का फसलों की सिंचाई, पार्कों, सड़कों पर छिड़काव, निर्माण कार्यों में दोबारा उपयोग किया जाएगा।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!