Edited By Anil dev,Updated: 10 Feb, 2020 10:56 AM
चुनाव में हर साल वोटिंग का प्रतिशत बढ़ता-घटता रहता है, लेकिन जिस तेजी के साथ युवा वर्ग लोकतंत्र के पर्व में अपनी आहूति देने के लिए उतर रहा है। उसमें कुछ प्रतिशत वोट कम होना मन में शंका पैदा कर देता है, लेकिन जिन विधानसभाओं में पिछले चुनावों में 70...
नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): चुनाव में हर साल वोटिंग का प्रतिशत बढ़ता-घटता रहता है, लेकिन जिस तेजी के साथ युवा वर्ग लोकतंत्र के पर्व में अपनी आहूति देने के लिए उतर रहा है। उसमें कुछ प्रतिशत वोट कम होना मन में शंका पैदा कर देता है, लेकिन जिन विधानसभाओं में पिछले चुनावों में 70 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया था, वहां वोटिंग प्रतिशत का थोड़ा भी गिरना राजनैतिक दलों को पच नहीं रहा है। बता दें कि साल 2015 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली का कुल वोटिंग प्रतिशत 67.47 फीसदी तक पहुंच गया था जोकि विधानसभा चुनावों में दिल्ली का अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड है।
इसमें सबसे बड़ी भागीदारी दिल्ली की 16 विधानसभाओं में रहने वाले वोटरों ने निभाई थी। जहां नार्थ-ईस्ट जिले की 5 विधानसभाओं में 70 फीसदी का आंकड़ा पार हुआ था। जिसमें सीमापुरी, रोहताश नगर, सीलमपुर, गोकलपुर व मुस्तफाबाद शामिल थे। जिसके बाद दूसरे नंबर पर वेस्ट दिल्ली रही, जहां 4 सीटों पर 70 का आंकड़ा पार हुआ था। ये सीटें थीं मंगोलपुरी, मादीपुर, राजौरी गार्डेन, तिलक नगर व जनकपुरी। वहीं ईस्ट दिल्ली की 2 सीटें त्रिलोकपुरी व कृष्णा नगर व नार्थ दिल्ली की 2 सीट शकुरबस्ती व त्रिनगर सहित साउथ-वेस्ट की 1 सीट उत्तम नगर रही। हालांकि, इस बार वोटिंग प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है जोकि माथे पर शिकन पैदा कर रही है, लेकिन इस बार सभी विधानसभाओं को पछाड़ते हुए बल्लीमारान के वोटर्स ने 71.58 प्रतिशत मतदान कर रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। हालांकि, पिछले चुनावों में रिकार्ड बनाने वाली तीन विधानसभाओं सीलमपुर, गोकलपुर व मुस्तफाबाद ने इस बार भी 70 फीसदी का आंकड़ा पार किया है।
दो विधानसभा चुनावों में पिछड़ रहे हैं दिल्ली कैंट के वोटर्स
साल 2013 में जब दिल्ली विधानसभा चुनाव हुआ था, तब साउथ-वेस्ट जिले की दिल्ली कैंट सीट के मतदाताओं ने 60.29 फीसदी वोटिंग कर सम्मानजनक आंकड़े पर वोटिंग स्तर को पहुंचाया था। लेकिन साल 2015 में हुए विधानसभा चुनावों की ओर देखें तो यह आंकड़ा 58.49 पहुंच गया था। अपनी इसी गिरावट को 2020 के विधानसभा चुनावों में भी मतदाताओं ने बरकरार रखा और इस बार यहां मात्र 45.36 प्रतिशत वोटिंग हुई जोकि राजधानी में सर्वाधिक कम वोटिंग प्रतिशत वाली विधानसभा बन गई है।
क्या रहा है दिल्ली का कुल मतदान प्रतिशत
पिछले तीन चुनावों में इन 16 विधानसभाओं का कितना रहा वोटिंग प्रतिशत