दिल्ली विधानसभा ने अरुण जेटली को दी श्रद्धांजलि

Edited By shukdev,Updated: 26 Aug, 2019 05:15 PM

delhi assembly paid tribute to arun jaitley

दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक प्रकट करते हुए सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शोक संदेश में कहा...

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक प्रकट करते हुए सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शोक संदेश में कहा,‘ जेटली का निधन बहुत बड़ा नुकसान है। पूर्व वित्त मंत्री एक प्रभावशाली प्रवक्ता थे।' विधानसभा सदस्यों ने जेटली की याद में दो मिनट का मौन रखा। 

जेटली का शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 66 वर्ष के थे। जेटली को बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ होने के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। जेटली को पहले जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था जिसके बाद डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी। वह मधुमेह से पीड़ित थे। इसी वर्ष में उन्हें सॉफ्ट टिश्यू कैंसर होने का पता चला था और वह जनवरी में उपचार के लिए अमेरिका गए थे। उनके परिवार में पत्नी ,एक पुत्र और एक पुत्री हैं। 

जेटली ने 1974 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वह आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी मिला था। 

जेटली को वर्ष 2000 में कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था और कानून, न्याय और कंपनी मामलों एवं जहाजरानी मंत्री बनाया गया था। भूतल परिवहन मंत्रालय के विभाजन के बाद वह नौवहन मंत्री भी बने थे। उन्हें तीन जून 2009 को राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था। सोलह जून 2009 को उन्होंने अपनी पार्टी में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत भाजपा के महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी रहे थे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में वह अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे लेकिन चुनाव हार गए थे। पर उनकी भूमिका के महत्व को समझते हुए मोदी ने उन्हें सरकार में अहम स्थान दिया। मोदी सरकार के दौरान उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। वह कारपोरेट मामलोें के साथ रक्षा मंत्री भी नियुक्त किये गये थे।

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