Edited By Anil dev,Updated: 17 Dec, 2018 11:07 AM
दिल्ली-एनसीआर के वातावरण की हवा में सुधार नहीं हो पा रहा है। खाड़ी देशों से आने वाले धूल के चलते राजधानी में प्रदूषण का असर देखने को मिल रहा है। आज भी दिल्ली में हवा का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। लोधी रोड पर PM 2.5- 224 और PM 10- 230 दर्ज किया...
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के वातावरण की हवा में सुधार नहीं हो पा रहा है। खाड़ी देशों से आने वाले धूल के चलते राजधानी में प्रदूषण का असर देखने को मिल रहा है। आज भी दिल्ली में हवा का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। लोधी रोड पर PM 2.5- 224 और PM 10- 230 दर्ज किया गया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर 282 रहा, जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। पड़ोसी शहर फरीदाबाद का स्तर 236, गुरुग्राम का स्तर 112 व नोएडा का स्तर 272 रहा। गाजियाबाद का स्तर 326 और ग्रेटर नोएडा का स्तर 320 रहा, जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली में सुबह 10 बजे तक पीएम 2.5 का औसत स्तर 124 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर, जबकि पीएम 10 का स्तर 220.9 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। मुनिरका, सोनिया विहार, झंडेवालान, वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में दोपहर के वक्त ‘बहुत खराब’ की स्थिति में हवा की गुणवत्ता पहुंच गई। प्रदूषण के विषय पर आधारित दो दिवसीय सम्मेलन में सीपीसीबी सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 1150 करोड़ रुपए का बजट अगले साल के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। वहीं इधर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में प्रदूषण के छोटे-बड़े कारकों पर प्रतिबंध लगाने का काम चल रहा है।
पिछले दो सालों के आंकड़े देखने पर पाया कि इस साल पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत का सुधार आया है। इस बार काफी काम भी हुए हैं। बदरपुर पावर प्लांट को बंद कर इससे निकलने वाले जहरीले धुएं पर रोक लगाया गया है। हम तत्काल सुधार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम सभी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।