Edited By Yaspal,Updated: 12 Dec, 2018 07:35 PM
भारत में शादी धूमधाम से करने का एक रिवाज है और अक्सर यहां शादियों में बढ़चढ़कर खर्च किया जाता है। लेकिन राजधानी दिल्ली में जल्द ही महंगी शादियां गुजरे वक्त की...
नेशनल डेस्कः भारत में शादी धूमधाम से करने का एक रिवाज है और अक्सर यहां शादियों में बढ़चढ़कर खर्च किया जाता है। लेकिन राजधानी दिल्ली में जल्द ही महंगी शादियां गुजरे वक्त की बात हो सकती हैं। क्योंकि दिल्ली सरकार शादी समारोह एवं बड़ी पार्टियों में आने वाले मेहमानों की संख्या पर रोक लगाने के लिए नियम बनाने की दिशा में काम कर रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य सचिव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार मेहमानों की संख्या सीमित करने कि लिए नियम बनाएगी और बर्बादी रोकने के लिए व्यंजनों की संख्या एवं ट्रैफिक की भी जांच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
इस तरह की शादियों और पार्टियों में खाने की भारी बर्बादी होती है। शहर में पानी की कमी और भूख से होने वाली कथित मौत के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस अस्वीकार्य बताया था। जस्टिस मदन बी लोकुर, दीपक गुप्ता और हेमंत गुप्ता की बेंच के समक्ष दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जताई चिंता को सरकार समझती है और शहर में अमीरों और गरीबों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन रखा जाना चाहिए।
सरकार की क्या है रणनीति
विजन देव ने कहा कि कुछ विकल्पों पर चर्चा की जा रही है। एक द्वि-स्तरीय रणनीति पर काम किया जा रहा है, ताकि व्यंजनों की संख्या एवं मेहमानों की संख्या सीमित रहे। इसके साथ एनजीओ के माध्यम से बचे हुए भोजन को गरीबों तक पहुंचाने पर भी चर्चा की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस संबंध में 6 हफ्तों के अंदर एक मसौदा तैयार किया जा सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एजी एव मुख्य सचिव के सामने 31 जनवरी तक की डेडलाइन रखी है।