Edited By Parveen Kumar,Updated: 20 Sep, 2024 10:03 PM
हर स्कूल में कई ऐसे बच्चे होते हैं, जो अपनी प्रतिभा में होनहार होते हैं, लेकिन उन्हें उचित अवसर नहीं मिल पाता, जिससे वे पीछे रह जाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
नेशनल डेस्क : हर स्कूल में कई ऐसे बच्चे होते हैं, जो अपनी प्रतिभा में होनहार होते हैं, लेकिन उन्हें उचित अवसर नहीं मिल पाता, जिससे वे पीछे रह जाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने सरकारी स्कूलों के लगभग 6000 बच्चों को उनकी अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए चुना है। ये बच्चे छठी और नौवीं कक्षा के छात्र हैं। इस पहल का नाम 'प्रोजेक्ट अभिषिक्त' रखा गया है।
इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य 'गिफ्टेड स्टूडेंट्स' की पहचान करना है, ताकि उनकी प्रतिभा को निखारने और उन्हें बेहतर अवसर देने के लिए उचित संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत चयनित बच्चों की मानसिक और शैक्षणिक क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे यह समझा जा सके कि कौन से बच्चे विशेष ध्यान और मार्गदर्शन के पात्र हैं।
सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल बच्चों की प्रतिभा को पहचानने में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। यह कार्यक्रम उन होनहार बच्चों के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है, जो अपनी क्षमता के अनुसार उभरने का मौका नहीं पा सके हैं।
इस तरीके से होंगे टेस्ट
अधिकारियों के अनुसार, टेस्ट के पहले राउंड में कल्चर फेयर इंटेलीजेंस टेस्ट (CFIT) आयोजित किया जाएगा, जो बच्चों की बौद्धिक क्षमता की पहचान करेगा। यह टेस्ट 28 सितंबर को संपन्न होगा। अधिकारियों ने बताया कि CFIT में जिन छात्रों ने 80 प्रतिशत से अधिक स्कोर किया, उन्हें दूसरे राउंड के लिए चुना जाएगा। दूसरे राउंड में आईक्यू टेस्ट आयोजित किया जाएगा
बच्चों को मिलेंगी अतिरिक्त सुविधाएं
अधिकारियों का कहना है कि इन स्टूडेंट्स को एडिशनल रिसोर्सेज भी दिए जाएंगे। जिसमें साइंस एक्सपेरिमेंट के लिए फ्री मैटेरियल, म्यूजियम विजिट, फील्ड ट्रिप और विलेज टूर शामिल रहेंगे। इसी के साथ स्टूडेंट्स की राइटिंग स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए भी काम किया जाएगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि ये प्रयास होनहार बच्चों को आगे लाने के लिए किया गया है।