दिल्ली में शाही शादियों पर रोक लगाएगी केजरीवाल सरकार,नियम तोड़ने पर 15 लाख जुर्माना

Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jul, 2019 12:35 PM

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केजरीवाल सरकार दिल्ली में शाही शादियों पर रोक लगाने की तैयारी में है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शादियों में होने वाले खाने और पानी की बर्बादी पर नाराजगी जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया

नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार दिल्ली में शाही शादियों पर रोक लगाने की तैयारी में है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शादियों में होने वाले खाने और पानी की बर्बादी पर नाराजगी जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार एक पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है। नई पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार शादी समारोह में मेहमानों की संख्या सीमित कर सकती है, साथ ही नियम बना सकती है कि कार्यकमों में बचा हुआ खाना जरूरतमंदों को दिया जाए।
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इसके अलावा यह भी नियम बनाया जाएगा कि शादियों की वजह से ट्रैफिक बाधित नहीं होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक इसी महीने ही इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई मॉनिटरिंग कमिटी ने भी इसके लिए हामी भर दी है। दिल्ली सरकार से संबंधित एक अधिकारी के मुताबिक इसमें तय किए गए नियम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हैं।
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सरकार ने तय किए नियम

  • शादी में कितने महमान बुलाए जा सकते हैं, यह कार्यक्रम स्थल और पार्किंग लॉट के हिसाब से तय किया जाएगा। अधिकतम मेहमानों की संख्या कार्यक्रम स्थल के वर्ग मीटर क्षेत्र को 1.5 से विभाजित करके प्राप्त की गई संख्या होगी या पार्क की जा सकने वाली कारों की संख्या का चार गुना। इन दोनों में जो भी संख्या कम होगी, उतने ही मेहमान अधिकतम बुलाए जा सकते हैं।
  • शादी समारोह में बचा हुआ खाना वंचितों में वितरित किया जाएगा क्योंकि चाहे शाही शादी हो या सामान्य बड़ी मात्रा में खाना बर्बाद होता है। एक शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर को बताया गया था कि राजधानी में लगभग 300 विवाह कार्यक्रम स्थल हैं। शादी के सीजन में कभी-कभी 30,000 से 50,000 शादियां एक दिन में होती हैं, ऐसे में इस दौरान बड़ी मात्रा में खाना और पानी बर्बाद होता है।
  • सरकार द्वारा बनाई जा रही नई पॉलिसी में मैरिज ऑर्गनाइजर और कैटरर को एक एनजीओ के साथ संपर्क करना होगा और तय करना होगा की शादी का कार्यक्रम खत्म होते ही बचा हुआ खाना उनको सौंपा जाएगा। इतना ही नहीं ऑर्गनाइजर को इस बात के सबूत भी सौंपने होंगे कि कार्यक्रम में भोजन बर्बाद नहीं हुआ है और इसे गरीबों तक वितरित कर दिया गया है।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर मेजबान पर नहीं कार्यक्रम स्थल के संचालक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अगर कोई पहली बार नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे 5 लाख और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 15 लाख जुर्माना और तीसरी बार उल्लंघन पर लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि खाने की क्वॉलिटी भी ध्यान रखा जाए। दरअसल चीफ सेक्रेटरी ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को बताया था कि कभी-कभी कैटर्स बचे हुए खाने का इस्तेमाल अन्य कार्यक्रमों में करने की कोशिश करते हैं, जोकि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। ऐसे में नई नीति के तहत फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ऐसे कार्यक्रमों में अपने ऑफिसर नियुक्त करेंगे। नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी।
  • शादी समारोह में होटल और पैलेस वालों को पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी ताकि लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना न करना पड़े। सड़क किनारे पार्किंग की व्यवस्था नहीं होगी। पॉलिसी में घोड़ा बग्गी और बैंड की व्यवस्था पर रोक लगाई है।
  • इसके अलावा कार्यक्रम स्थल में भी पटाखों का इस्तेमाल भी नहीं होगा।
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