Edited By shukdev,Updated: 19 Nov, 2019 07:59 PM
दिल्ली के हर वार्ड से पानी के नमूने एकत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने 32 टीमें बनाने का निर्णय लिया है। यह टीमें प्रत्येक वार्ड में जाकर पानी के नमूने एकत्रित करेंगी और उनकी जांच कर एक महीने में परिणाम जनता के सामने रखेंगी। अधिकारियों ने मंगलवार को...
नई दिल्ली: दिल्ली के हर वार्ड से पानी के नमूने एकत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने 32 टीमें बनाने का निर्णय लिया है। यह टीमें प्रत्येक वार्ड में जाकर पानी के नमूने एकत्रित करेंगी और उनकी जांच कर एक महीने में परिणाम जनता के सामने रखेंगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह फैसला भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद ही लिया गया है जिसमें कहा गया था कि शहर में पेयजल गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरता है।
दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य जल विश्लेषक संजय शर्मा ने कहा कि प्रत्येक टीम में चार अधिकारी होंगे जो हर वार्ड से पांच नमूने एकत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि पानी के कुल 1400 नमूनों का 29 मानकों पर परीक्षण किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि इन टीमों में अधिक लोगों को नामित करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी पत्र लिखेंगे। केंद्र ने पहले ही बीआईएस के दो विशेषज्ञों को पानी की संयुक्त जांच और परीक्षण के लिए नामित किया है। गौरतलब है कि 16 नवंबर को पासवान ने बीआईएस की रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार भारत के 21 प्रमुख शहरों में से दिल्ली में पेयजल की स्थिति सर्वाधिक असुरक्षित थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में लिए गए पानी के नमूने 28 में से 19 मानकों पर खरे नहीं उतरे थे।
सर्वेक्षण के पहले चरण में बीआईएस ने दिल्ली से एकत्रित किए गए पानी के सभी 11 नमूनों को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाया था। रिपोर्ट के अनुसार पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाला जल पीने योग्य नहीं था। केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ओछी राजनीति करने और लोगों को डराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के पानी की गुणवत्ता केवल 11 मानकों पर नहीं जांची जा सकती। दिल्ली जल बोर्ड ने सोमवार को कहा था कि एक जनवरी से 24 सितंबर तक उसने 1,55,302 नमूने एकत्रित किए थे जिनमें से केवल 2,222 नमूने ही परीक्षण में विफल हुए थे।