प्यार करने वालों की रक्षक बनेगी दिल्ली सरकार!, प्रेमी जोड़ों के लिए बनाए जाएंगे 'सेफ हाउस'

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Mar, 2021 12:20 PM

delhi government will become the protector of love

दिल्ली सरकार ने अंतर मत वाले (Interfaith) और अंतर जातीय (अलग अलग जातियों के) जोड़ों को उत्पीड़न और धमकियों से बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है और ऐसे मामलों को देखने के लिए पुलिस उपायुक्तों की अगुवाई में ‘विशेष प्रकोष्ठ'' गठित...

नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार ने अंतर मत वाले (Interfaith) और अंतर जातीय (अलग अलग जातियों के) जोड़ों को उत्पीड़न और धमकियों से बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है और ऐसे मामलों को देखने के लिए पुलिस उपायुक्तों की अगुवाई में ‘विशेष प्रकोष्ठ' गठित करने का निर्देश दिया है। SOP के मुताबिक, सरकार ऐसे जोड़ों को अपने ‘सुरक्षित गृहों' (Safe houses) में आवास मुहैया कराएगी जिनके रिश्तों का उनके परिवार, या स्थानीय समुदाय या खाप विरोध कर रहे हैं। सरकार ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की मौजूदा टॉल फ्री महिला हेल्पलाइन 181 पर ही अंतर-मत वाले और अंतर जातीय जोड़े धमकी और उत्पीड़न की शिकायत कर सकते हैं और उन्हें यहीं से जरूरी सहायता मिलेगी।

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समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी SOP में कहा गया कि टेलीकॉलर को परेशानी बताने वाली फोन कॉल का प्रबंध करने में प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें जरूरी सेवाओं की जानकारी है जो परेशानी का सामना कर रहे जोड़े को जरूरी सहायता या सलाह के रूप में उपलब्ध कराई जा सकती है। SOP के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर उन्हें ऐसी कॉल का प्रबंध करने के लिए और प्रशिक्षित किया जा सकता है। उसमें कहा गया है कि जोड़े को सुनने के बाद संबंधित इलाके के पुलिस उपायुक्त (DSP) जो ‘विशेष प्रकोष्ठ' के प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। वह सारे तथ्य जिलाधिकारी के संज्ञान में लेकर आएंगे और ‘सेफ हाउस' के लिए उनकी जरूरत बताएंगे। इस हफ्ते के शुरू में, कथित अंतर मत शादी की वजह से दक्षिण पूर्वी दिल्ली की हरिजन बस्ती में हिंसा भड़क गई थी। दिल्ली पुलिस ने घटना के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

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विभाग ने SOP में कहा कि जोड़े को PSO के रूप में पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और ‘सेफ हाउस' की सुरक्षा संबंधित DCP द्वारा की जाएगी। उसमें कहा गया है कि जोड़ा धमकी के बारे में उन्हें बताएं, अगर जोड़ा ‘सेफ हाउस' में नहीं रहना चाहता है तो विशेष प्रकोष्ठ उनके रहने के स्थान पर उनपर खतरे की धारणा के अनुसार उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा। यदि शुरुआती जांच में खतरों की सत्यता का पता चलता है, तो संबंधित DSP, सहायक पुलिस आयुक्त ACP या उपमंडल पुलिस अधिकारी को निर्देश देगा कि वे जोड़े को धमकी देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। विभाग के मुताबिक, सरकार ने उत्तरी दिल्ली के किंग्सवे कैंप में सरकारी आवासीय क्षेत्र में 'सेफ हाउस' स्थापित किया है, जिसमें अधिकतम तीन जोड़े रह सकते हैं।

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