Edited By vasudha,Updated: 26 Jul, 2019 12:21 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने वंदेमातरम को राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता अश्वनी उपध्याय की तरफ से दायर इस याचिका में राष्ट्रगीत वंदे मातरम को राष्ट्रगान ''जन गण मन'' के बराबर दर्जा देने की...
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने वंदेमातरम को राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता अश्वनी उपध्याय की तरफ से दायर इस याचिका में राष्ट्रगीत वंदे मातरम को राष्ट्रगान 'जन गण मन' के बराबर दर्जा देने की मांग की गई थी।
याचिका में मांग की गई थी कि आज तक राष्ट्रगीत को वो सम्मान नहीं मिला है जो मिलना चाहिए इसलिए इसे भी राष्ट्रगान समझा जाए और प्रमुख कार्यक्रमों और स्कूलों में वंदे मातरम को राष्ट्रगान के तौर पर बजाना चाहिए। इस याचिका में वंदे मातरम को लेकर नेशनल पॉलसीबनाने की भी मांग की गई थी।
इससे पहले 2017 के आदेश में कहा था कि संविधान के मौलिक कर्तव्य में राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बात कही गई है लेकिन वंदे मातरम को लेकर ऐसी कोई भी बात नहीं है इसलिए इसकी अनिवार्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया था।
बता दें कि राष्ट्रगीत की अनिवार्यता को लेकर कुछ धार्मिक संगठन विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रगीत में देश को माता मानकर उनकी स्तुति की गई है, जिसका उनके एकेश्वरवादी धर्म में इजाजत नहीं है। इसलिए इसे किसी फरमान की तरह नहीं थोपा जा सकता।