Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Aug, 2020 04:17 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (ICAI) द्वारा 15 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (PM Cares) कोष में भेजे जाने के फैसले का विरोध करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया। हाईकोर्ट...
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (ICAI) द्वारा 15 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (PM Cares) कोष में भेजे जाने के फैसले का विरोध करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह संस्थान के अध्यक्ष के खिलाफ प्रेरित याचिका प्रतीत होती है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने याचिकाकर्ता, नवनीत चतुर्वेदी की तरफ से पेश हुए वकील से कहा कि या तो मामला वापस ले लें या हर्जाने के साथ इसको खारिज किए जाने के लिए तैयार रहें। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लिए जाने की अनुमति मांगी और अदालत ने इसे वापस ली गई याचिका के तौर पर खारिज कर दिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान, पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि जनहित याचिका कैसे दायर की जा सकती है जब ICAI के सदस्य निधि के हस्तांतरण से दुखी नहीं हैं। वकील के अनुसार याचिकाकर्ता पेशे से पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता है। अदालत ने पूछा कि अगर ICAI के सदस्य योगदान देकर खुश हैं तो जनहित याचिका का क्या आधार है'' और कहा कि यह संस्थान के अध्यक्ष के खिलाफ प्रेरित याचिका मालूम होती है। अप्रैल में पीएम केयर्स कोष में 15 करोड़ रुपए भेजे जाने के अलावा, ICAI ने अपने सदस्यों के योगदान के जरिए छह करोड़ रुपए और दिए जाने की बात कही थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक, संस्थान द्वारा यह फैसला कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तत्कालीन सचिव के आग्रह पर लिया गया था।