उच्च न्यायालय का दिल्ली सरकार से सवाल: क्या आप अपने बच्चों को भेजेंगे सरकारी स्कूलों में

Edited By ,Updated: 24 Jan, 2017 10:41 PM

delhi high court asked   do you send your children to public schools

सरकारी स्कूलों में शिक्षा और आधारभूत संरचना की गुणवत्ता को कमजोर बताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज आप सरकार से

नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में शिक्षा और आधारभूत संरचना की गुणवत्ता को कमजोर बताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज आप सरकार से सवाल किया कि क्या नौकरशाह अपने बच्चों को एेसे संस्थानों में भेजना पसंद करेंगे।  न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘आपके (दिल्ली सरकार) स्कूल स्तर से कमतर है। अमेरिका में लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने को तरजीह देते हैं क्योंकि वहां आधारभूत संरचना और शिक्षक अच्छे हैं ।’’ 

अदालत ने कहा, ‘‘हमारे सरकारी स्कूलों में शिक्षक कक्षा में ही नहीं आते। आधारभूत संरचना की तो बात करना ही बेकार है।’’ अदालत ने उल्लेख किया कि चयन की स्वतंत्रता, विशेष रूप से शिक्षा के संबंध में, को स्कूल से दूरी (नेबरहुड क्राइटेरिया) के आधार पर नर्सरी दाखिले के संबंध में एक आदेश के जरिए छीना नहीं जा सकता ।   अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि क्या आपके नौकरशाह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना चाहेंगे, जिन्हें निजी स्कूलों से मुकाबले के लिए लंबा रास्ता तय करना है ।  

न्यायाधीश ने कहा ‘‘आपका स्तर इतनी तेजी से गिरा है कि इसे सुधारने में लंबा समय लगेगा’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप और मैं फैसला कर सकते हैं कि बच्चे के अभिभावक को पढ़ाई के लिए कहां जाना चाहिए।’’  अदालत ने यह टिप्पणी निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को स्कूल से दूरी नियम का इस्तेमाल करते हुए नर्सरी में छात्रों के दाखिले के लिए आप सरकार के हालिया आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की ।  

सरकार के फैसले का बचाव करते हुए शिक्षा निदेशालय की तरफ से पेश होकर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि वे उन स्कूलों को सुधारने के लिए कदम उठा रहे हैं और निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों पर लगाई गयी शर्त उसी का हिस्सा है इसलिए उन्हें यह (स्कूल से दूरी नियम)अपनाने देना चाहिए ।  

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