Edited By ,Updated: 23 Sep, 2016 12:11 PM
दिल्ली हाईकोर्ट द्धारा सुनाए गए एक महत्वपूर्ण फैसले काे चीन के लिए झटके के ताैर पर देखा जा रहा है।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट द्धारा सुनाए गए एक महत्वपूर्ण फैसले काे चीन के लिए झटके के ताैर पर देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, काेर्ट ने तिब्बती मूल के तीन भारतीय नागरिकों को राहत देते हुए उन्हें पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि 26 जनवरी 1950 के बाद और 1 जुलाई 1987 तक भारत में पैदा हुए तिब्बती मूल के लोग भारतीय नागरिक हैं और ऐसे में उन्हें भारतीय पासपोर्ट जारी करने से मना नहीं किया जा सकता।
याचिका में रखी थी ये बात
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ किया है कि इस अवधि के दौरान भारत में पैदा हुए तिब्बती मूल के लोगों को सिटिजनशिप एक्ट के तहत भारतीय नागरिक माना जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट में तीन भारतीय तिब्बतियों की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि वह 26 जनवरी 1950 से एक जुलाई 1987 के बीच पैदा हुए हैं, फिर भी उन्हें भारतीय पासपोर्ट देने से मना किया गया है। इन तीनों याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
चार हफ्ते में जारी हाे पासपोर्ट
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इन्हें चार हफ्ते में पासपोर्ट जारी कर दिया जाए। ये कानून 1955 में बनाया गया था, लेकिन बाद में कानून में बदलाव हुआ और कहा गया कि एक जुलाई 1987 तक पैदा हुए शख्स ही भारतीय नागरिक होंगे। इसके बाद पैदा हुए शख्स इंडियन सिटिजन होने का दावा नहीं कर सकते।