Edited By Anil dev,Updated: 25 Aug, 2020 05:03 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के परीक्षा में शामिल होने के लिए कक्षाओं में न्यूनतम 70 प्रतिशत उपस्थिति की उम्मीद नहीं कर सकता है, अगर उसने पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पूरी अवधि में कक्षाओं का संचालन नहीं किया...
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के परीक्षा में शामिल होने के लिए कक्षाओं में न्यूनतम 70 प्रतिशत उपस्थिति की उम्मीद नहीं कर सकता है, अगर उसने पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पूरी अवधि में कक्षाओं का संचालन नहीं किया है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा च्च्आप यह नहीं कह सकते कि छात्रों की 70 प्रतिशत न्यूनतम उपस्थिति जरूरी है, जब आपने निर्धारित अध्ययन अवधि में केवल 40 प्रतिशत में ही पढ़ाया हो।
अदालत एक विधि छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो चिकित्सा कारण से पिछले साल अपने पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो सका। उच्च न्यायालय ने केंद्र, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और विश्वविद्यालय को भी नोटिस जारी किया तथा पिछले साल नवंबर में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ छात्र की अपील पर अपना पक्ष रखने को कहा। उस आदेश में छात्र की याचिका को खारिज कर दिया गया था जिसमें उपस्थिति में कमी होने पर छूट देते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।