Edited By Anil dev,Updated: 06 Dec, 2018 10:51 AM
संस्कार आश्रम नामक शेल्टर होम से गायब हुई लड़कियों को 72 घंटे से भी ज्यादा बीत चुके है,लेकिन न सरकार को पता है और न पुलिस की आखिर लड़कियां कहां गई। ये सुरक्षित भी हैैं या नहीं,देश में है नेपाल,या फिर किसी हादसे का शिकार हुई है
नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): संस्कार आश्रम नामक शेल्टर होम से गायब हुई लड़कियों को 72 घंटे से भी ज्यादा बीत चुके है,लेकिन न सरकार को पता है और न पुलिस की आखिर लड़कियां कहां गई। ये सुरक्षित भी हैैं या नहीं,देश में है नेपाल,या फिर किसी हादसे का शिकार हुई है या कहीं छिपी हुई है। इसके जवाब किसी के पास नहीं है। जांच के नाम पर सरकार और पुलिस एजेंसी जांच का दावा कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच ये भी पता है कि इस आश्रम में मुच्चफरपुर शेल्टर होम की तर्ज पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग होती हैं, सवाल ये भी उठा है कि क्या इस आश्रम में देह व्यापार का खेल होता है। पुलिस की जांच में आया है कि जो लड़कियां आश्रम से भागी हैं इनमें से 6 लड़कियां जीबी रोड से छूड़ाई गई थी। यही नहीं इतनी ऊंची दीवार और सीसीटीवी की जद के बावजूद उनका आराम से निकल जाना आश्रम पर कई सवाल खड़े करता है।
नेपाल से बहलाफुसला कर लाई गई थी लड़कियां
पुलिस को अंदेशा है कि क्योंकि ये लड़कियां वहां पर नेपाल से बहलाफुसला कर लाई गई थी और फिर इन्हें जीबी रोड के कोठे पर बेच दिया गया था। बताया जाता है कि इन्हीं में से एक नाबालिग लड़की ने महिला आयेाग से शिकायत की थी जिसके बाद कोठे में रेड मार कर इन्हें छूड़ाया गया था और उसके बाद इन्हें दिल्ली के संस्कार आश्रम नामक शेल्टर होम में भेजा गया था। कयास है कि आश्रम में पहुंचने के बाद भी यहां उनसे वहीं सब कराया जाने लगा जो जीबी रोड पर होता था,इसलिए ये मौका देखकर भाग गई। इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ये कयास है।
गायब 9 बच्चियों के मामले में कार्रवाई की मांग
दिलशाद गार्डन स्थित दिल्ली सरकार के संस्कार आश्रम से गायब हुई लड़कियों के मामले मे कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया गया। धरने का आयोजन भाजपा नवीन शाहदरा जिला की ओर से संस्कार केंद्र के सामने किया गया। धरने की अध्यक्षता कैलाश जैन ने की। उनके साथ डॉ. शोभा विजेंद्र, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मधू सिसोदिया, निगम पार्षद सुमन लता नागर, बीर सिंह पवार, पुनीत शर्मा आदि ने सम्बोधित किया। जैन ने कहा कि महिला सुरक्षा का वादा कर बनी केजरीवाल सरकार महिला उत्पीडऩ की पर्याय बन चुकी है। दिल्ली सरकार के कई मंत्री और विधायक महिला उत्पीडऩ के मुकदमों में फंस चुके हैं और जेल जा चुके हैं। खुद सीएम अपनी ही पार्टी की कार्यकर्ता सोनी मिश्रा की आत्महत्या के लिए सुॢखयों में बने रहे। बच्चियों का गायब होना यह साबित करता है कि दाल में काला नहीं पूरी दाल काली है।
नहीं दर्ज हो सका केस
पुलिस में शिकायत दी गई, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं हुआ, जबकि बच्चों पर अत्याचार संज्ञेय अपराध है। इसलिए दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और सरकार के महिला व बाल विकास विभाग को इस मामले में नोटिस जारी कर पूछा था कि केस दर्ज क्यों नहीं किया गया, लेकिन तमाम उठा-पटक के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पहले भी सामने आया था मारपीट का मामला
पूर्व में भी दिलशाद गार्डन आश्रम में बच्चियों के साथ मारपीट का भी मामला सामने आया था कुछ समाज सेवियों ने दिल्ली सरकार को दिल्ली महिला आयोग को पत्र लिख कर शिकायत दी थी। जिसके बाद जांच भी की गई, लेकिन साक्ष्य नहीं मिलने के कारण मामलें में कोई कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं की गई।