Edited By Anil dev,Updated: 29 Jun, 2018 12:16 PM
दिल्ली में कुछ दिनों तक लोग कुत्तों से दूर रहें। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुके हंै। 15 दिन के बाद अस्पतालों में इंजेक्शन की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके बाद ही...
वेस्ट दिल्ली(अनुराग जैन): दिल्ली में कुछ दिनों तक लोग कुत्तों से दूर रहें। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुके हंै। 15 दिन के बाद अस्पतालों में इंजेक्शन की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके बाद ही कुत्ता काटे के मरीजों को राहत मिल पाएगी। राजधानी के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुके हंै। चौंका देने वाली बात तो यह है कि इस मजबूरी का फायदा उठाकर अस्पतालों के बाहर मौजूद प्राइवेट केमिस्ट दोगुने दामों पर इंजेक्शन बेच रहे हैं। फिलहाल राव तुला राम स्मारक अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बाबू जगजीवन राम अस्पताल, संजय गांधी स्मारक अस्पताल, सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र अस्पताल, मदन मोहन मालवीय और गुरु गोविंद सिंह में एंटी रेबीज इंजेक्शन पूरी तरह से आउट ऑफ स्टाक हैं।
तीन गुना दामों पर मरीज खरीद रहे हैं इंजेक्शन
राव तुला राम स्मारक अस्पताल में नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि बाहर से मरीज तीन गुना दामों पर इंजेक्शन खरीद रहे हंै। वहीं बाबू जगजीवन राम अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सीपीए के अलावा लोकल परचेज के लिए दवा कंपनी को सप्लाई के लिए कहा गया था, लेकिन उसने भी पीछे से सप्लाई न आने की बात कहकर साफ मना कर दिया है। रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई के पीछे स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इंजेक्शन सप्लाई करने वाली कंपनी की प्लांट में कोई दिक्कत है। जल्द ही इंजेक्शन की सप्लाई होने लगेगी। वहीं दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि दवाओं की सप्लाई करने वाली कंपनियों की बकाया रकम नहीं चुकाई गई है। इसलिए कंपनियां इंजेक्शन की सप्लाई नहीं कर रही हैं। दो महीने से ऐसी स्थिति बनी हुई है।
क्या कहते हैं सीपीए डायरेक्टर
उधर, इस मामले में सेंट्रल प्रोचुरेमेंट एजेंसी (सीपीए) के डायरेक्टर डॉक्टर विजॉय कुुमार का कहना है कि एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई करने वाली कंपनी के प्लांट में कोई दिक्कत चल रही थी। प्लांट में दिक्कत तो दूर हो गई है, लेकिन दवा की क्वालिटी बेहतर नहीं आ पा रही है। इसलिए कंपनी ने 15-20 दिन बाद सप्लाई शुरू करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है। जिन अस्पतालों में इंजेक्शन नहीं है, उन्हें आदेश है कि वह लोकल परचेज कर मरीजों की परेशानी को दूर कर सकते हैं।