Edited By vasudha,Updated: 21 Nov, 2019 03:10 PM
दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता पर सवालों से उठे विवादों के बीच आईटीओ पर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें आप सरकार को बीते चार साल में शहर में सामने आए डायरिया और हैजा के अधिक मामलों पर घेरा गया है...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता पर सवालों से उठे विवादों के बीच आईटीओ पर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें आप सरकार को बीते चार साल में शहर में सामने आए डायरिया और हैजा के अधिक मामलों पर घेरा गया है।
दरअसल केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की ओर से 16 नवंबर को जारी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट में बताया गया था कि दिल्ली से लिये गए पानी के सभी 11 नमूने जल की गुणवत्ता मापने वाले 19 मापदंडों पर खरे नहीं उतर पाए और दिल्ली का पानी 21 राज्यों की राजधानियों में से सबसे असुरक्षित है। मामले ने धीरे-धीरे इतना तूल पकड़ लिया कि केन्द्र और दिल्ली सरकार के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया।
आईटीओ पर लगाए गए पोस्टरों में से एक पर लिखा था कि दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष को जवाब देना चाहिए कि अगर दिल्ली का पानी साफ है तो बीते चार साल में यहां डायरिया के 21,88,253 मामले कैसे हुए। इसमें कहा गया कि इस अवधि में अस्पतालों (दिल्ली के) में हैजा के 19,283 मामले और वर्ष 2018 में जल से संबंधित 36,426 शिकायतें दर्ज की गई। इससे कुछ दिन पहले, दिल्ली के कई हिस्सों में लगाए गए पोस्टरों में दिखाया गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को जहरीला पानी पीने को मजबूर कर रही है।