Edited By vasudha,Updated: 12 Jul, 2020 05:04 PM
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन हटने के बाद भले ही रेस्तरां फिर से खोले जा चुके हैं, लेकिन वे कम बिक्री, कम कर्मचारी और ग्राहकों की कम आमद से अब भी जूझ रहे हैं। कोविड-19 पाबंदियों के चलते कई रेस्तरां ने बैठकर खाने की सुविधा...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन हटने के बाद भले ही रेस्तरां फिर से खोले जा चुके हैं, लेकिन वे कम बिक्री, कम कर्मचारी और ग्राहकों की कम आमद से अब भी जूझ रहे हैं। कोविड-19 पाबंदियों के चलते कई रेस्तरां ने बैठकर खाने की सुविधा शुरू नहीं की है और उनका काम ‘टेक अवे' (पैक करा कर घर ले जाने) वाले ग्राहकों पर ही चल रहा है।
'लाइट बाइट' फूड्स के निदेशक रोहित अग्रवाल के अनुसार 'अनलॉक' के बाद हालात बहुत ठीक नहीं हैं। ग्राहकों की आमद बहुत कम है और संचालन लागत अधिक है। अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के बाद एक दिन में सबसे अधिक 15 मेहमान पंजाब ग्रिल्स के साकेत वाले रेस्तरां में आए थे। हम उतनी ही संख्या में ग्राहकों के आने की उम्मीद कर रहे हैं, जितने पहले आया करते थे। उन्होंने कहा कि पहले जितनी बिक्री हुआ करती थी अब उसकी केवल 20 प्रतिशत ही रह गई है।
इस 20 प्रतिशत कमाई में से भी 25 प्रतिशत कमाई ग्राहकों के यहीं खाने से होती है और बाकी कमाई टेक-अवे यानि खरीदकर ले जाने से हो रही है। उन्होंने कहा कि लाइट बाइट फूड्स के दो रेस्तरां यूमी (जीके-2 दिल्ली और बेंगलोर) और पंजाब ग्रिल (दिल्ली-एनसीआर के चार रेस्तरां) ग्राहकों के बैठकर खाने के लिये खोल दिये गए हैं। दोनों रेस्तरां में मेहमानों की आमद बेहद कम है।
रास्ता और येती रेस्तरां के सह मालिक जॉय सिंह कहते हैं कि अधिक राज्यों की सीमाएं बंद हैं, लिहाजा हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। एक परेशानी यह है कि हम शराब नहीं परोस पा रहे हैं। साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हम 60 प्रतिशत ग्राहकों को ही बिठा पा रहे हैं।