पीएम ने गुरु ग्रंथ साहिब को भेंट किया रुमाला साहिब और गोलक में किया दान

Edited By Murari Sharan,Updated: 20 Dec, 2020 12:22 PM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही आमजन के लिए यातायात अवरोधक लगाए गए...

नई दिल्ली (सुनील पांडेय): दिल्ली सहित देशभर में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  रविवार को सुबह बिना किसी पूर्व सूचना के बिना किसी को बताएं गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब में मत्था टेकने पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी पर्व को नमन किया  श्रद्धा सुमन भेंट किए।  प्रधानमंत्री ने बाकायदा सिख परंपरा के अनुसार गुरुद्वारे में दो बार झुककर मत्था टेका और गुरु की गोलक में दान भी किया है।  प्रधानमंत्री ने रूटीन में आई संगत  के बीच में ही अचानक पहुंचे हैं और उन्हीं के बीच में ही जाकर मत्था टेका और श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी को नमन किया।

प्रधानमंत्री सुबह 8:35 पर रकाबगंज गुरुद्वारा पहुंचे और करीब 10 मिनट तक गुरुद्वारा के अंदर मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथि भाई हरदेव सिंह को श्रद्धा के अनुसार दान भेंट किया। साथ  ही श्री  गुरु ग्रंथ साहिब को श्री रुमाला साहिब भेंट किया। इस दौरान गुरुद्वारा के ग्रंथी हरदयाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिरोपा भेंट किया और गले में माला डाला। इसके बाद ग्रंथी हरदयाल सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी इतिहास के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी दी। जिसको  प्रधानमंत्री ने बड़े ही ध्यान पूर्वक श्रद्धा से सुनी। इसके बाद प्रधानमंत्री गुरुद्वारे के बाहर निकले और श्रद्धालुओं की डिमांड पर बच्चों के साथ उन्होंने तस्वीरें भी खिंचवाई। कुछ बच्चों ने पीएम के साथ सेल्फी भी ली और वह मुस्कुराते हुए वापस अपने घर चले गए।

बता दें कि यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री बिना किसी सहयोगी केंद्रीय मंत्री या किसी पार्टी के नेता को साथ लिए गुरुद्वारा स्थल पर पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक इस मौके पर एक महिला श्रद्धालु ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछ लिया कि मोदी जी इतनी ठंड में हमारे किसान दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं और आप कुछ करते क्यों नहीं ।  प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मुझे भी चैन नहीं है, मुझे किसानों को लेकर बहुत  चिंता है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुद्वारे में मत्था टेकते समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब को भेंट किया जाने वाला श्री रुमला साहिब  अपने साथ घर से लाए थे । इस दौरान गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधकों ने उन्हें सम्मानित भी किया है। सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महाप्रबंधक बलवीर सिंह बिल्लू की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला जैसे ही गुरुद्वारा परिसर में दाखिल हुआ किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह उसमें से प्रधानमंत्री निकलेंगे। पहले लोगों को लगा कि शायद कोई केंद्रीय मंत्री या कोई नेता होगा लेकिन जब प्रधानमंत्री जी गाड़ी से उतरे तब लोग लोगों ने प्रधानमंत्री को करीब से देखा। 

प्रधानमंत्री के धार्मिक अंदाज के कायल हुई सिख संगत
प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी रविवार को सुबह गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब में जब मत्था टेक रहे थे उस दौरान उनके धार्मिक परंपरा और अंदाज को देखकर सिख श्रद्धालु भी दंग रह गए। श्रद्धालुओं के बीच यह चर्चा का विषय भी बन गया। वहां मौजूद संगतो ने आपस में चर्चा किया कि जिस अंदाज में प्रधानमंत्री ने वहां मत्था टेका इस अंदाज में वे खुद भी उस लगन और श्रद्धा के साथ मत्था नहीं देख पाते। गुरुद्वारा परिसर में जिन सिख संगतो ने आज प्रधानमंत्री को पहली बार करीब से देखा वह बेहद खुश और गदगद हैं।


प्रधानमंत्री के दौरे को लोग किसान आंदोलन से जोड़कर देख रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी पर्व के मौके पर गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब पहुंचने को लेकर कुछ लोग किसान आंदोलन और सियासी माइनों से  जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि यह प्रधानमंत्री का अपना अंदाज है कि वह धार्मिक स्थलों पर ऐसे ही पहुंचते रहते हैं।

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