Edited By Anil dev,Updated: 15 May, 2018 05:44 PM
एक नए अध्ययन के अनुसार भारत में हर तीन में से एक किशोरी सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीडऩ को लेकर चिंतित रहती है जबकि पांच में से एक किशोरी बलात्कार सहित अन्य शारीरिक हमलों को लेकर डर के साए में जीती है। यह सर्वेक्षण गैर सरकारी संगठन ‘‘ सेव दि...
नई दिल्ली: एक नए अध्ययन के अनुसार भारत में हर तीन में से एक किशोरी सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीडऩ को लेकर चिंतित रहती है जबकि पांच में से एक किशोरी बलात्कार सहित अन्य शारीरिक हमलों को लेकर डर के साए में जीती है। यह सर्वेक्षण गैर सरकारी संगठन ‘‘ सेव दि चिल्ड्रेन ’’ द्वारा कराया गया है। ये आंकड़े ‘‘ विंग्स 2018: वल्र्ड ऑफ इंडियाज गल्र्स ’’ नामक सर्वेक्षण में जुटाए गए हैं और यह सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर धारणा पर आधारित है।
रिपोर्ट के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की दो तिहाई लड़कियों ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीडऩ की स्थिति में अपनी मां पर भरोसा करेंगी। पांच में से करीब दो लड़कियों ने कहा कि अगर उनके अभिभावकों को सार्वजनिक स्थल पर उत्पीडऩ की किसी घटना का पता चलेगा तो वे उनके घर से बाहर निकलने पर रोक टोक करेंगे । इस अध्ययन में करीब 4000 किशोर और किशोरियों तथा उनके 800 अभिभावकों को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण छह राज्यों के 30 शहरों और 84 गांवों में कराया गया। सर्वेक्षण में दिल्ली - एनसीआर , महाराष्ट्र , तेलंगाना , पश्चिम बंगाल , असम और मध्य प्रदेश को शामिल किया गया।