Edited By Anil dev,Updated: 10 Jan, 2019 03:04 PM
तेज हवाओं की वजह से दिल्ली-एनसीआर के बिगड़ी हवा में थोड़ा सुधार हुआ है। ‘गंभीर’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने वाला प्रदूषण स्तर ‘खराब’ श्रेणी तक आ गया है। वहीं ऊर्जा (युनाइटेड रेजिडेंट्स जॉइंट ऐक्शन ऑफ दिल्ली) और एआरके फाउंडेशन के एक जॉइंट सर्वे के...
नई दिल्ली: तेज हवाओं की वजह से दिल्ली-एनसीआर के बिगड़ी हवा में थोड़ा सुधार हुआ है। ‘गंभीर’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने वाला प्रदूषण स्तर ‘खराब’ श्रेणी तक आ गया है। वहीं ऊर्जा (युनाइटेड रेजिडेंट्स जॉइंट ऐक्शन ऑफ दिल्ली) और एआरके फाउंडेशन के एक जॉइंट सर्वे के अनुसार दिल्ली में रहनेवाले 43 पर्सेंट लोग मानते हैं कि 2018 में प्रदूषण की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है।
अपने शहर की एयर क्वालिटी चेक करने के लिए क्लिक करेंः
वहीं 58 पर्सेंट लोगों के अनुसार प्रदूषण का उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। यह सर्वे दिल्ली की 10 सबसे प्रदूषित जगहों आनंद विहार, अशोक विहार, द्वारका, आईटीओ, लोदी रोड, पटपडग़ंज, रोहिणी, आरके पुरम, सीरीफोर्ट और बवाना में किया गया।
सर्वे के अनुसार,
- 93 पर्सेंट लोगों को एक्यूआई के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
- प्रदूषण की वजहों में 40 पर्सेंट लोग पावर प्लांट को मानते हैं।
- 32 पर्सेंट लोग कंस्ट्रक्शन, 29 पर्सेंट एसी और गाडिय़ों को इसकी वजह बता रहे हैं।
- प्रदूषण बढऩे पर 37 पर्सेंट लोग मास्क पहन रहे हैं।
इस सर्वे के मुताबिक इस प्रदूषण की वजह के डर से 9 पर्सेंट लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया जबकि 16 पर्सेंट लोग प्रदूषण की वजह से डिप्रेशन में हैं। वहीं 71 पर्सेंट लोगों अब भी इस हवा को सांस लेने लायक नहीं मानते। 50 पर्सेंट लोगों का कहना कि प्रदूषण की वजह से उनके बच्चों को फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां का सामना करना पड़ रहा है।