Edited By Anil dev,Updated: 11 Jun, 2019 11:20 AM
राजधानी दिल्ली को हवाई हमलों से सुरक्षित बनाने के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है। इस तरह दिल्ली एक अभेद्य किला बन जाएगा। वर्तमान दौर में किसी शहर को हवाई खतरे से बचाने की यह सबसे बेहतरीन प्रणाली है।
नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली को हवाई हमलों से सुरक्षित बनाने के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है। इस तरह दिल्ली एक अभेद्य किला बन जाएगा। वर्तमान दौर में किसी शहर को हवाई खतरे से बचाने की यह सबसे बेहतरीन प्रणाली है। इस सुरक्षा प्रणाली को लगाने के लिए भारत अमरीका, रूस और इजरायल से जरुरी उपकरण व तकनीकि का सौदा कर रहा है। जानकारी के अनुसार अमरीका से नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम-2 भारत हासिल कर रहा है। यदि यह सिस्टम राजधानी में स्थापित हो जाएगा तो यहां वल्र्ड ट्रेड सेंटर जैसा हमला करना कभी संभव नहीं हो पाएगा।
पृथ्वी मिसाइल : बाहरी सुरक्षा चक्र की पहरेदार
इसमें दो स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था जिसके तहत एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) और पृथ्वी एयर डिफेंस इंटरसेप्टर (पीएडी) मिसाइल तैनात होंग।
दोनों मिलकर 15 से 25 और 80 से 100 किमी की दूरी तक आसमान से आने वाली मिसाइलों के लक्षित कर नष्ट कर देंगी।
फेज-1: 2000 किमी रेंज से आने वाली मिसाइलों को गिराने के लिए 5556 किमी प्रतिघंटा की गति से हमला करने वाली मिसाइलों का सिस्टम भी तैयार है।
फेज-2: भविष्य में 5000 किमी रेंज से आने वाली मिसाइलों को ध्वस्त करने के लिए 8643 किमी प्रतिघंटा की गति से हमला करने वाली मिसाइलों का सिस्टम बन रहा है।
रूसी एस-400 40 हजार करोड़ का सैम सिस्टम
भारत ने ट्रिम्फ सरफेस टू एयर (सैम) मिसाइल सिस्टम को तैनात करेगा।
इस सिस्टम को खरीदने के लिए 40 हजार करोड़ का सौदा अक्टूबर 2018 में कर चुका है।
इस मिसाइल सिस्टम की रेंज 120, 200, 250 और 380 किमी है।
अनुमान है कि अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2023 के बीच भारत को यह सिस्टम मिल जाएगा।
एस-400 सिस्टम 380 किमी की सीमा में बम, जेट्स, जासूसी विमान, मिसाइल और ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।
बराक-8 मिसाइल : हवा में रोक देगी हमला
डीआरडीओ और इजरायल द्वारा विकसित मध्यम और लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल धरती से आसमान में सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।
बराक मिसाइल डिफेंस सिस्टम 70 से 100 किमी तक की दूरी तक दुश्मनों के हमलों को हवा में खत्म कर देगा।
आकाश की निगहबानी
स्वदेशी मिसाइल आकाश का डिफेंस सिस्टम राजधानी दिल्ली के आसमान की निगहबानी रखेगा।
इसकी रेंज 25 किमी है, और यह मिसाइलों लड़ाकू विमानों में भी फिट हो जाते हैं।
भारतीय वायुसेना 10900 करोड़ रुपए से आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम के 15 स्क्वाड्रन तैनात करेगा।
आर्मी 14800 करोड़ रुपए से आकाश-2 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के 2 रेजीमेंट तैनात करेगा।
छोटे हमलों से बचाव करेगा NASAMS-2
भारत जिस NASAMS-2 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए अमरीका से समझौता करने की तैयारी में है, वह छोटे हमलों से बचाव करेगा।
ये इमारतों और शहर के बीच होने वाले हमलों को बर्बाद करने में सक्षम है। इसमें स्टिंगर्स, गन सिस्टम और मिसाइल शामिल हैं।