Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Aug, 2020 11:55 AM
कोरोना की गाइडलाइंस को लेकर इन दिनों दिल्लीवाले दुविधा में हैं। जहां कई लोग बाजारों, दुकानों में बिना मास्क के घूम रहे हैं और उनके खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं है वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोगों को जुर्माना लगाया जा रहा है जो कार में अकेले सफर कर रहे हैं।...
नेशनल डेस्कः कोरोना की गाइडलाइंस को लेकर इन दिनों दिल्लीवाले दुविधा में हैं। जहां कई लोग बाजारों, दुकानों में बिना मास्क के घूम रहे हैं और उनके खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं है वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोगों को जुर्माना लगाया जा रहा है जो कार में अकेले सफर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग जमकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। गाड़ी में बिना मास्क के अकेले सफर कर रहे लोगों को पुलिस रोक गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस का हवाला देकर चालान काट रही है। जब लोग गाइंडलाइस दिखाने को कहते हैं तो पुलिस वाले ऐसा कोई आदेश नहीं दिखा पा रहे लेकिन जुर्माना कर रहे हैं। दरअसल अनलॉक-1 की शुरुआत के बाद से ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और स्पिटिंग जैसे नियमों के पालन करने में लचर रवैया अपना रहे हैं, ऐसे में पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी। हर जिले में चालान काटे जाने लगे, जहां नियमों का उल्लंघन हो रहा था।
इस अभियान के तहत रविवार तक दिल्ली पुलिस करीब पौने 2 लाख चालान काट चुकी थी और जुर्माने के रूप में करीब ढाई करोड़ रुपए जमा कर चुकी थी। पुलिस ने इस अभियान के तहत 2 लाख से ज्यादा फ्री मास्क भी बांटे। विवाद तब खड़ा हुआ, जब पुलिस ने कार में बिना मास्क लगाए अकेले जा रहे लोगों के भी चालान काटने शुरू कर दिए। हाल ही में लोगों ने नियमों को लेकर सवाल उठाए और सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई कि पुलिस को जहां असल में जाकर एक्शन लेना चाहिए, वहां तो कुछ नहीं किया जा रहा और अकेले जा रहे लोग, जिनसे किसी को संक्रमण फैलने का खतरा संभवत: सबसे कम होगा, उन्हें टारगेट करके पुलिस चालान काट रही है। कई लोगों ने तो WHO, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को ट्वीट टैग कर दिया और दिल्ली पुलिस के एक्शन पर सवाल उठाए कि क्यो कार में बिना मास्क लगाए अकेले जा रहे हजारों लोगों के इस तरह से चालान काट सकती है? क्या उनमें इतना भी कॉमन सेंस नहीं है?
वहीं एक अन्य शख्स ने लिखा है कि उन्होंने भी देखा है कि दिल्ली में पुलिसवाले पहले गाड़ी को हाथ देकर रोकते हैं और फिर उसमें बिना मास्क लगाए जा रहे शख्स की इजाजत के बिना उसका फोटो लेकर चालान काट देते हैं। जब कई दुकानों पर 2-3 लोग इकट्ठे खड़े होते हैं जिन्होंने मास्क भी नहीं लगाया होता। दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि सुनने में यह तर्क सही लगता है कि जब कोई गाड़ी में अकेले जा रहा है, तो उसे मास्क लगाने की क्या जरूरत है। लेकिन अगर कारणों पर गौर करें तो ऐसे लोग भी कोरोना फैला सकते हैं या खुद संक्रमित हो सकते हैं। मान लीजिए अगर किसी ने रास्ते में गाड़ी रोक कर और खिड़की का शीशा उताकर पर बिना मास्क लगाए किसी से एड्रेस पूछ लिया या चलते-चलते रास्ते में किसी ने थूक दिया या रेड लाइट पर कोई बाइक सवार या साइकल सवार बिल्कुल पास आकर खड़ा हो गया या सिग्नल पर सामान बेचने वाले या कोई भिखारी ही पास आ जाए तो संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। इसी वजह से गाड़ी में अकेले जा रहे लोगों को भी मास्क पहनने की सलाह दी गई है।