Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 07:51 PM
दिल्ली में आज सुबह भी धुंध की गहरी चादर पसरी रही और कई स्थानों पर ²श्यता शून्य के करीब पहुंच गई। शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई तथा प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति के काफी करीब पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु...
नई दिल्लीः दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के साथ सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई तथा प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति के काफी करीब पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 अंकों के स्तर में 487 तक पहुंच गया। यह इस बात का संकेत है कि प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ है जो सेहतमंद लोगों को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमार लोगों पर ‘गंभीर प्रभाव’ डाल सकती है। अगर वायु गुणवत्ता 500 के स्तर तक पहुंच जाती है तो फिर सम-विषम और निर्माण कार्यों पर रोक संबंधी कदम तत्काल उठाए जा सकते हैं।
मरीजों की संख्य बढ़ी
चिकित्सकों का कहना है कि कई लोगों में सांस संबंधी समस्या जानलेवा स्थिति में भी पहुंच सकती है। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया, ‘‘सांस लेने में दिक्कत, खांसी, छींकने, सीने में जकडऩ और एलर्जी एवं दम फूलने की शिकायतों के साथ मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। सांस और हृदय संबंधी समस्याओं का उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।’’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि एन95 मॉस्क और एयर प्यूरीफायर से पूर्णकालिक राहत नहीं मिलने वाली है और इस बात पर जोर दिया कि इस संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक कदमों की जरूरत है।