Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Sep, 2020 12:06 PM
विपक्षी दलों के कुछ नेता गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और दिल्ली दंगों के मामले में जांच पर अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराएंगे। वहीं दिल्ली दंगा मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के 200 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी...
नेशनल डेस्कः विपक्षी दलों के कुछ नेता गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और दिल्ली दंगों के मामले में जांच पर अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराएंगे। वहीं दिल्ली दंगा मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के 200 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने बुधवार को कड़कड़डूमा अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया जिसमें 15 आरोपियों के नाम है। आरोपपत्र में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत 15 आरोपी हैं।
आरोप पत्र में ये नाम
विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत दाखिल आरोपपत्र में ताहिर हुसैन के अलावा इशरत जहां, मुहम्मद परवेज अहमद, मुहम्मद इल्यास, सैफी खालिद, मिरांन हैदर, सफूरा जारगर, सफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मल्लिक, अथर खान शामिल हैं। इस आरोप पत्र में हालांकि उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम शामिल नहीं है। उमर को दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। आरोपपत्र कुल 17,500 पन्नों का है।
पुलिस ने अदालत में कहा कि दिल्ली हिंसा के मामले में कुल 747 लोगों को गवाह बनाया गया है। विशेष शाखा ने अदालत से कहा कि उसने उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा की सभी प्राथमिकयों का अध्ययन किया है। इस मामले में आगे पूरक आरोपत्र दायर किया जाएगा जिसमें और आरोपियों को शामिल किया जायेगा। पुलिस ने अदालत को बताया कि दिल्ली हिंसा के मामले में कुल 747 लोगों को गवाह बनाया है। करीब साढ़े सत्रह हजार पृष्ठों के आरोपपत्र में 2,692 पन्ने चार्जशीट का ऑपरेटिव हिस्सा है। शाखा ने अदालत को बताया कि उनको आरोपपत्र पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से अनुमति मिल गई है।
ये है चार्जशीट में
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में लिखा कि 24 फरवरी को भड़की हिंसा के साजिशकर्ता मौके पर मौजूद लोगों के संपर्क में थे। अदालत के सामने पुलिस ने कहा कि उन 20 जगहों पर जहां ऐंटी-सीएए प्रदर्शन हो रहे थे, उनके लिए खास वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए। प्रदर्शनों की आड़ में हिंसा भड़काने के लिए भीड़ को सिस्टमैटिक तरीके से मोबलाइज किया गया। पुलिस ने कहा कि दंगों और प्रदर्शनों के लिए पीएफआई समेत कई जगहों से पैसा आया था। हफ्तों तक हथियार, पत्थर, गोला-बारूद और छतों पर मोतोलोव कॉकटेल्स का इंतजाम किया गया। पुलिस ने चार्जशीट में कहा कि दिल्ली में पूरे प्लान के साथ हिंसा भड़काई गई थी।