दिल्ली हिंसा में बड़ा खुलासा: 16 फरवरी को रची गई थी दंगे की साजिश

Edited By Anil dev,Updated: 26 Sep, 2020 11:58 AM

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दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपियों ने लोगों को भड़काने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। 16 फरवरी की रात उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांदबाग और जाकिर नगर में कई घंटे तक गुप्त बैठकें की गई थीं। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इन बैठकों में शामिल...

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपियों ने लोगों को भड़काने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। 16 फरवरी की रात उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांदबाग और जाकिर नगर में कई घंटे तक गुप्त बैठकें की गई थीं। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इन बैठकों में शामिल हुए लोगों के खुलासे किए हैं। पुलिस के अनुसार अथर खान, नदीम व ताहिर हुसैन सहित जामिया कॉआर्डिनेशन कमेटी व ‘पिंजरा तोड़’ संगठन की छात्राओं सहित स्थानीय नेता शामिल हुए थे। इसके बाद जाकिर नगर में भी उमर खालिद ने गोपनीय बैठक की थी। इसमें शरजील इमाम, उमर खालिद, ताहिर हुसैन, फैजल फारुख सहित कई ने हिस्सा लिया था।

वृंदावन के संत को मुस्लिम टोपी पहना कर दिलवाए भाषण
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने के मामले में 16 सितम्बर को कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ये बातें कही हैं। आरोपियों ने वृंदावन से एक संत को बुलाया था। इन्होंने संत से मुस्लिम टोपी पहनाकर भाषण दिलवाए और हवन करवाया। आरोपियों ने संत को हर एक भड़काऊ भाषण के लिए हजारों रुपए दिए थे। संत ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि फरवरी में उसे बुलाया गया और मुस्लिम टोपी पहनाकर उससे हवन करवाया गया।

22 जगह धरने का नेतृत्व कर रहे थे सदस्य 
दंगा कराने के लिए डीपीएसजी के सदस्यों ने पूरी तैयारी की थी। इसके लिए उमर खालिद, योगेंद्र यादव व ताहिर हुसैन सहित अन्य लोग योजना बनाते थे। इसके बाद योजना के बारे में जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी को बताया जाता था। 22 धरनास्थलों पर व्यवस्था की जिम्मेदारी पिंजरा तोड़ की सदस्य और मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ  जेएनयू, एमएसजे के सदस्यों को दी गई थी। योजना की जानकारी इन सदस्यों को दी जाती थी, जिसे ये लोग धरने पर बैठे लोगों के साथ साझा करके उन्हें भड़काते थे।23 फरवरी को डीपीएसजी के सदस्यों द्वारा बसों से जहांगीरपुरी से 300 महिलाओं को पहले शाहीनबाग ले जाया गया। इसके बाद उन्हें जाफराबाद मेट्रो स्टेशन धरनास्थल पर छोड़ दिया गया। उन्हें हिंसा भड़काने के लिए कहा गया था। इसके बाद योजना के तहत उन्होंने सड़क जाम करने से रोकने पर पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया था। इसके बाद मौजपुर और चांदबाग आदि क्षेत्रों में हिंसा शुरू हो गई थी।

शरजील ने कहा था, मिल कर करेंगे सड़क जाम
डीपीएसजी के सदस्यों उमर खालिद, नदीम खान, अथर, शरजील इमाम व पिंजरा तोड़ की सदस्यों ने हिंसा भड़काने के पूरे इंतजाम किए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाहीनबाग में जब सड़क जाम करने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो शरजील ने कहा था कि वह जेएनयू के 200 छात्रों और 20-25 वकीलों को लाकर सड़क जाम करा लेगा।

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