Edited By Yaspal,Updated: 25 Aug, 2018 02:52 PM
देश की राजधानी दिल्ली में परिवहन की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है तो वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदूषण का स्तर सबसे कम है। यह खुलासा एक शोध रिपोर्ट में हुआ है...
नेशनल डेस्कः देश की राजधानी दिल्ली में परिवहन की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है तो वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदूषण का स्तर सबसे कम है। यह खुलासा एक शोध रिपोर्ट में हुआ है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवारयमेंट ने देश के 14 शहरों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट जारी की। सीएसई ने जिन शहरों का चुनाव किया है, उनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर, लखनऊ, कोच्चि, भोपाल, विजयवाड़ा और चंडीगढ़ शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, वाहनों से निकलने वाले पर्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड और हीट ट्रैपिंग कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल में 47% साइकिल और पैदल चलने वाले की हिस्सेदारी है। इस रिपोर्ट को अर्बन कम्युट शीर्षक से कोलकाता में आयोजित एक सेमिनार में जारी किया गया है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने स्वच्छ परिवहन और कार्बन उत्सर्जन कम करने की जरूरत पर जोर देते हुए शहरों को इसके लिए नीति बनाने को कहा।
रॉय ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सार्वजनिक परिवहन के साथ ही साइकिल और पैदल चलने पर जोर दिया जाए। निजी वाहनों से निकलने वालीं ग्रीनहाउस गैसों से प्रदूषण फैल रहा है। लोगों को यह बात समझनी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली की स्थिति सबसे बदतर है। यहां परिवहन से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा है। दिल्ली में ग्रीन हाउस गैसें जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन शहर की हवा को प्रदूषित कर चुकी हैं।
वहीं स्वच्छ परिवहन के मामले में कोलकाता बेहतर स्थिति में है। देश के 6 बड़े शहरों में कोलकाता और मुंबई में सबसे ज्यादा सरकारी परिवहन हैं, इसके बावजूद यहां परिवहन से सबसे कम प्रदूषण होता है। कोलकाता में कम दूरी की यात्राएं अधिक होती है। वहीं दिल्ली तीसरा ऐसा शहर है, जहां सबसे ज्यादा सरकारी परिवहन हैं और यहां वायु प्रदूषण, निजी और सरकारी वाहनों की संख्या और लंबी दूरी की यात्राएं सबसे ज्यादा हैं, जिसकी वजह से देश की राजधानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है।
भोपाल में टॉक्सिक कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन सबसे कम मिला। यहां प्रतिदिन 60 किलोग्रोम टॉक्सिक उत्सर्जन होता है। कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई की तुलना में दिल्ली में प्रतिदिन दो से तीन करोड़ ज्यादा परिवहन चलते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भोपाल में बीएस-5 पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल होना चाहिए। बता दें कि भोपाल में मौजूदा वक्त में बीएस-4 पेट्रोल का इस्तेमाल हो रहा है। यहां वाहनों में यदि सीएनजी का उपयोग होना शुरू किया जाए तो प्रदूषण का स्तर और कम हो जाएगा।
प्रदूषण के मामले में शहरों को कौन सा स्थान मिला है
1. दिल्ली
2. चेन्नई
3. बेंगलुरू
4. हैदराबाद
5. मुंबई
6. पुणे
7. अहमदाबाद
8. कोलकाता
9. जयपुर
10. कोच्चि
11. लखनऊ
12. चंडीगढ़
13. विजयवाड़ा
14. भोपाल