दिल्ली हिंसा का डरावना सच: पत्थरबाजी से 22 लोगों की मौत, 13 हुए गोली के शिकार

Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Mar, 2020 11:20 AM

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पिछले दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए 46 लोगों में से 22 की मौत पत्थरबाजी की वजह से हुई है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा में मारे गए लोगों में से 35 के मरने के कारणों की पहचान कर ली है जिनमें 22 की मौत पथराव या उन पर हुए शारीरिक हमले से...

नई दिल्ली: पिछले दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए 46 लोगों में से 22 की मौत पत्थरबाजी की वजह से हुई है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा में मारे गए लोगों में से 35 के मरने के कारणों की पहचान कर ली है जिनमें 22 की मौत पथराव या उन पर हुए शारीरिक हमले से हुई जबकि 13 की मौत बंदूक की गोली लगने से हुई।  पुलिस ने शुक्रवार को हिंसा में 35 लोगों के मारे जाने के कारणों का खुलासा किया और उनकी मौत की वजह भी बताई। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इस हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में ज्यादातर की उम्र 20 और 30 साल के बीच की है। 

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पुलिस ने अब तक 167 एफ.आई.आर., आर्म्स एक्ट के तहत 23 केस व 885 संदिग्ध गिरफ्तारियां की हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में 13 केस दर्ज किए गए हैं। उधर, उत्तर पूर्वी दिल्ली में शनिवार सुबह हालात शांतिपूर्ण रहे। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरूआत में इलाके में हुए साम्प्रदायिक दंगों में पहुंचे नुक्सान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं। वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने तथा उसकी पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं। दंगा पीड़ितों के रिश्तेदार जी.टी.बी. अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर अपने परिजन के शव मिलने के इंतजार में बैठे हैं। 

 

UP  की तर्ज पर होगी नुक्सान की भरपाई
उत्तर प्रदेश पुलिस की तर्ज पर दिल्ली पुलिस ने भी दंगों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने वालों से जुर्माना वसूलने या उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला किया है।

 

सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो भेजा तो होगी 3 साल की जेल
सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने के लिए फैलाए जा रहे गलत और भड़काऊ वीडियो को लेकर दिल्ली सरकार सख्ती दिखाने जा रही है। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि इस तरह के वीडियो फैलाने वाले लोगों पर सरकार आई.टी. एक्ट 56ए और आई.पी.सी. की धारा 153ए.ए. 506 के तहत कार्रवाई करेगी जिसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। दिल्ली सरकार जल्दी इसे लेकर एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी करेगी और लोगों से अपील करेगी कि अगर उनके पास इस तरह के कोई भी वीडियो, जो धार्मिक रूप से भड़काऊ हो और माहौल खराब करने वाले हो, को लेकर सरकार को सूचित करें।

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