Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Sep, 2020 10:34 AM
दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुई हिंसा के दौरान सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए और कईयों ने इस दंगे में अपनों को खो दिया। कई लोगों का लाखों का नुकसान भी हुआ। लोगों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था। वहीं मुआवजे की राशि...
नेशनल डेस्कः दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुई हिंसा के दौरान सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए और कईयों ने इस दंगे में अपनों को खो दिया। कई लोगों का लाखों का नुकसान भी हुआ। लोगों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था। वहीं मुआवजे की राशि पाकर पीड़ित खुद को और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेस्टोरेंट जलने पर 3 लाख का नुकसान हुआ था लेकिन पीड़ित को महज 750 रुपए मुआवजा ही मिला। खबर के मुताबिक दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में उस्मान अली का एक रेस्टोरेंट था जोकि उत्तर-पूर्वी हिंसा की बलि चढ़ गया।
हिंसक भीड़ ने न सिर्फ उस्मान के छोटे से रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ की बल्कि वहां पर जमकर लूटपाट भी की। उस्मान ने दिल्ली सरकार से 3 लाख रुपए के नुकसान का मुआवजा मांगा था लेकिन उसे महज 750 रुपए मिले। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अकेले उस्मान ही नहीं कई ऐसे पीड़ित हैं जो मुआवजे के नाम पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
वहीं बुधवार को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने कड़कड़डूमा अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया जिसमें 15 आरोपियों के नाम हैं। आरोपपत्र में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत 15 आरोपी हैं। आरोपपत्र कुल 17,500 पृष्ठों का है। पुलिस ने अदालत में कहा कि दिल्ली हिंसा के मामले में कुल 747 लोगों को गवाह बनाया गया है। करीब साढ़े सत्रह हजार पृष्ठों के आरोपपत्र में 2,692 पन्ने चार्जशीट का ऑपरेटिव हिस्सा है। शाखा ने अदालत को बताया कि उनको आरोपपत्र पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से अनुमति मिल गई है।