Pics: दिल्ली हिंसा का खौफनाक मंजर, आपबीती बयां करते सिहर उठे पीड़ित...छलके दर्द के आंसू

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Feb, 2020 01:59 PM

delhi violence victims got shivering while talking

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा का खौफनाक मंजर याद करते हुए पीड़ितों ने बताई आपबीती, किसी को मकान मालिक ने निकाला घर से...तो कोई पथराव में हुआ घायल। आपबीती बयां करते सिहर उठे मोहम्मद आसिफ ने बताया कि कैसे उनके मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया...

दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा का खौफनाक मंजर याद करते हुए पीड़ितों ने बताई आपबीती, किसी को मकान मालिक ने निकाला घर से...तो कोई पथराव में हुआ घायल। आपबीती बयां करते सिहर उठे मोहम्मद आसिफ ने बताया कि कैसे उसके मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया और दंगाइयों की उन्मादी भीड़ ने लोहे की छड़ों से उसकी ऐसे पिटाई की कि उसे गंभीर चोटें आ गईं।

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  • उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले 20 साल के आसिफ ने बताया कि मकान मालिक के मंगलवार सुबह उसे घर से निकाल देने के बाद हमले से उसका बच पाना मुश्किल ही था। उसने कहा कि भीड़ ने मुझ पर हमला किया क्योंकि मुझे सड़क पर छोड़ दिया गया था। मैं उत्तर प्रेदश से हूं, मेरे मकान मालिक ने मुझे घर से निकाल दिया था और मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी।'' जीटीबी अस्पताल में मुंह पर खून के धब्बे लगे डरे सहमे बैठे आसिफ के सिर और एक पैर पर पट्टियां बंधी थीं। उसके एक हाथ में भी चोट आई है। आसिफ ने कहा कि मैंने शाहजहांपुर में अपने घर वालों को बता दिया है और वे मुझे लेने आ रहे हैं। आसिफ कोट बनाने वाली एक छोटी इकाई में काम करता है और उत्तर पूर्वी दिल्ली के घोंडा चौक पर रहता था। 
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  • हिंसा का शिकार हुए सुमित कुमार बघेल (28) ने बताया कि कैसे उनके भाई एक जलती इमारत की चपेट में आ गए और खुद कैसे सड़कों पर पथराव का शिकार हुए। अस्पताल में फर्श पर बैठे बघेल ने उस भयानक मंजर को याद करते हुए कहा, ‘‘ मेरा भाई दुर्घटनावश एक जलती इमारत की चेपट में आ गया और झुलस गया। बाकियों ने उसकी मदद की और हम उसे अस्पताल लाए। सुमित के पैर में भी पथराव के दौरान चोटें आई। बघेल ने कहा कि मेरा भाई यहां भर्ती है। हमारे आस पड़ोस में कभी ऐसी हिंसा नहीं हुई, हमने ईद और दिवाली हमेशा साथ मनाई है। दिल्ली में यह क्या हो रहा है।'' 
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  • उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के बीच खजूरी खास इलाके में तीन दिन पहले परीक्षा देने के लिए स्कूल गई 13 वर्षीय लड़की लापता है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा सोनिया विहार में अपने माता-पिता के साथ रहती है और वह सोमवार को सुबह अपने घर से करीब 4.5 किलोमीटर दूर अपने स्कूल गई थी लेकिन तब से लौटी नहीं। रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करने वाले उसके पिता ने कहा, ‘‘मुझे शाम पांच बजकर 20 मिनट पर उसे स्कूल से लेने जाना था। लेकिन मैं हमारे इलाके में चल रही हिंसा में फंस गया। तब से मेरी बेटी लापता है।'' 
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  • मौजपुर के विजय पार्क निवासी एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि दो दिन से शिव विहार के एक घर में फंसे उनके परिवार के सदस्यों से मंगलवार रात से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। 70 साल के आसपास के मोहम्मद सबीर ने कहा, ‘‘मेरा मदीना मस्जिद के पास शिव विहार में भी एक मकान है। मेरे दो बच्चे वहां रहते हैं, दो यहां विजय पार्क में मेरे साथ रहते हैं। इलाके में हिंसा के कारण मेरा उनसे संपर्क नहीं हो सका और गत रात से उनसे कोई संपर्क नहीं है।'' मोहम्मद सबीर ने कहा उनको भीड़ द्वारा घेरे जाने के बारे में बताया था और वे भाग निकले लेकिन मुझे मालूम नहीं है कि अब वे कहां हैं। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और पुलिस से मेरी अपील है कि कृपया हमारी मदद कीजिए।'' 
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  • वहीं अस्पतालों में कई परिवार अपने रिश्तेदारों के शव लेने के लिए शवगृह के बाहर भी खड़े नजर आए। सबकी आंखों में दर्द के आंसू थे जो ताउम्र नहीं भूलेंगे। 
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बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, घोंडा समेत उत्तरपूर्वी दिल्ली के आवासीय इलाकों में हुई हिंसा में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए हैं। दिल्ली में आज शांति है लेकिन कई हिस्सों में अजीब-सी खामोशी छाई हुई है।

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