Edited By shukdev,Updated: 09 Jan, 2019 06:59 PM
नागरिकता विधेयक के खिलाफ असम में बुधवार को दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्यभर में सड़के अवरुद्ध की और निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किए। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा ने मंगलवार को पारित किया। इसके तहत कुछ...
गुवाहाटी: नागरिकता विधेयक के खिलाफ असम में बुधवार को दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्यभर में सड़के अवरुद्ध की और निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किए। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा ने मंगलवार को पारित किया। इसके तहत कुछ शर्तों के साथ बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में प्रदर्शनकारी इस विधेयक को वापस लिए जाने को लेकर सड़कों को अवरुद्ध कर और रेलवे लाइन बाधित कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
गुवाहाटी में अखिल गोगोई कृषक मुक्ति संग्राम समिति और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद के नेतृत्व में 70 संगठनों ने केंद्र सरकार के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकैड को पार कर राज्य सचिवालय में दाखिल होने का प्रयास किया जिसके बाद उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चेतावनी के बाद भी पीछे नहीं हटने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और रबड़ की गोलियां दागी। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया।
गोलाघाट नुमलीगढ़ क्षेत्र में असम एक्य मंच के सदस्यों ने निर्वस्त्र होकर विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया। डिगबोई में प्रदर्शनकारियों ने मु्ख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को गोरखा महोत्सव में भाग लेने से रोकने के लिए सड़क मार्ग अवरुद्ध करने का प्रयास किया। हालांकि उन्हें पुलिस ने तितर-बितर कर दिया। भाजपा प्रवक्ता मेहदी आलम बोरा ने विधेयक के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक से असम की सोसायटियों को नुकसान पहुंचेगा और यह असम समझौते के खिलाफ है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री और अगप नेता प्रफुल्ल कुमार महंत ने मांग की है कि भाजपा सरकार को इस्तीफा देकर चुनाव का सामना करना चाहिए। राज्य सरकार के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि अगप विधेयक का समर्थन नहीं कर ऐतिहासिक भूल कर रही है।