Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Jul, 2020 01:35 PM
जम्मू-कश्मीर जाट सभा के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने उपराज्यपाल गिरीश चंदर मुर्मू से अपील की है कि वे जाट समुदाय के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व दें।
साम्बा : जम्मू-कश्मीर जाट सभा के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने उपराज्यपाल गिरीश चंदर मुर्मू से अपील की है कि वे जाट समुदाय के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व दें। उन्होंने कहा कि सरकार को जाट समुदाय के उत्थान के लिए यह कदम उठाने चाहिए क्योंकि इस समुदाय को जम्मू-कश्मीर में 70 साल से अधिक समय से यह अधिकार कभी नहीं दिया गया, चाहे वह जम्मू-कश्मीर पीएससी हो या जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय, न तो आयोग में हमारे कोई सदस्य हैं और न ही जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में कोई न्यायाधीश है।
उन्होंने कहा कि सरकार को जाट समुदाय के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए पहल करनी चाहिए। मंजीत ने कहा कि पिछली सरकारों ने जाट समुदाय की अनदेखी की और जिन राजनीतिक दलों ने जाटों की उपेक्षा की और उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहे, उन्हें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
उन्होंने कहा कि 1947, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए तीनों युद्धों में जाट समुदाय को विस्थापित होना पड़ा है, इसके अलावा सीमा पार से होने वाली गोलाबारी के दौरान भी समुदाय को विस्थापित होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस पिछड़े समुदाय को बेहतरी के लिए सरकार से समर्थन चाहिए, क्योंकि सीमा पर रहने वाले समुदाय के युवा गोलीबारी व तनाव के कारण अपनी पढ़ाई पूरी करने में विफल रहते हैं। लंबे समय से लंबित मांग का उल्लेख करते हुए मंजीत सिंह ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देना चाहिए।