Edited By Pardeep,Updated: 11 Aug, 2019 04:37 AM
डेंगू के एडीज मच्छर के बारे में आमतौर पर लोगों को यह पता है कि डेंगू के मच्छर दिन में ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एडीज मच्छर अब रात को भी लोगों को अपना शिकार बना रहा है। मच्छरों के व्यवहार में बदलाव के पीछे कुछ...
नई दिल्ली: डेंगू के एडीज मच्छर के बारे में आमतौर पर लोगों को यह पता है कि डेंगू के मच्छर दिन में ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एडीज मच्छर अब रात को भी लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
मच्छरों के व्यवहार में बदलाव के पीछे कुछ कारण जिम्मेदार: सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर जुगल किशोर के मुताबिक एडीज मच्छर के रात में काटने से जुड़े मामले पर अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि महानगरीय संस्कृति में देर रात तक लोगों का जगना, रोशनी के पर्याप्त इंतजाम और मच्छरों में होने वाले जेनेटिक परिवर्तन भी इसके पीछे मुख्य वजह हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शहरों में लोग अब अमूमन रात 12 बजे तक सोते हैं और इस बीच लोगों के घरों में ट्यूबलाइट, एलईडी बल्ब पहले के बल्बों के मुकाबले ज्यादा रोशनी (दिन की तरह) देती हैं। लोगों की बेसमय सक्रियता और रोशनी का मेल मच्छरों के व्यवहार में बदलाव के पीछे वजह हो सकती है। यहां बता दें कि डेंगू का मच्छर सुबह शाम और विशेषतौर से सूर्यास्त के समय बेहद सक्रिय रहता है। मच्छर करीब 16 डिग्री तक के तापमान में पैदा नहीं हो पाते। वहीं दिल्ली में डेंगू के सर्वाधिक मामले जुलाई से अक्तूबर के बीच ही सामने आते है।
सबसे अधिक प्लास्टिक से बनी वस्तुओं में पनपते हैं डेंगू
स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 41 प्रतिशत डेंगू मच्छर प्लास्टिक के ड्रम और टंकियों में ही पैदा होते हैं। वहीं कूलर में 12 प्रतिशत और निर्माण स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले लोहे के कंटेनरों में 17 प्रतिशत डेंगू मच्छर पैदा होते हैं। यहां बता दें कि इससे पहले निर्माणाधीन भवनों को डेंगू लार्वा के लिए सबसे मुफीद स्थान माना जा रहा था।