Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 11:26 PM
साध्वी के यौन शोषण के लिए दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रही...
चंडीगढ़(हरिश्चंद्र): साध्वी के यौन शोषण के लिए दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उसके 50वें जन्मदिन से ठीक दस दिन बाद जेल भेजे जाने से पंचकूला, जीरकपुर और डेराबस्सी आदि इलाकों के उन सैंकड़ों घरों में शुक्रवार को चूल्हे नहीं जले, जो तीन दिन से अपने घरों में लंगर तैयार करके डेरे के उन गुंडों का पेट भर रहे थे, जिन्होंने पंचकूला में सरेआम आतंक मचाया।
डेरे के इन श्रद्धालुओं को डेरे से क्या शिक्षा मिलती थी, यह शुक्रवार बाद दोपहर पंचकूला, सिरसा, दिल्ली व पंजाब के दर्जन भर जिलों से साफ हो गया है। डेरा प्रमुख को हालांकि अभी केवल दोषी करार दिया गया है और सजा सोमवार को सुनाई जानी है, मगर केवल दोषी करार दिए जाने मात्र से ही बहू-बेटियों वाले परिवार डेरा प्रमुख के साथ खड़े नजर आए। इससे साफ संकेत मिलता है कि इन घरों में अपनी ही बहू-बेटियों के लिए कितना सम्मान होगा। आम लोगों की खून-पसीने की कमाई पर ऐशो-आराम की जिंदगी जीने वाले गुरमीत सिंह को 15 साल बाद ही सही, जेल पहुंचाने से उन शिकायतकत्र्ता बेटियों को जरूर राहत मिली होगी और कितनी बेटियों को उसने 27 साल के दौरान अपना शिकार बनाया होगा, यह अभी जांच का विषय रहेगा।
गुरमीत सिंह के राम रहीम बनने के सफर के दौरान हमेशा ही विवादों व चर्चाओं का केंद्र रहे डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं को चाहे डेरे में प्रेमी कहा जाता हो, मगर इनके दिलों में देश, न्यायपालिका, सेना व सिस्टम के खिलाफ किस कदर नफरत भरी हुई है, यह शुक्रवार को पूरे देश ने देखा। डेरे की एक श्रद्धालु महिला का तो यहां तक कहना था कि ‘यदि पिता जी को दोषी करार दिया गया तो दुनिया के नक्शे से ङ्क्षहदुस्तान को मिटा देंगे।’ ऐसा बयान तो आज तक चीन व पाकिस्तान जैसे उन मुल्कों ने भी नहीं दिया जिनसे भारत की बरसों से तनातनी रही है। इतना ही नहीं जिस सेना पर पूरा मुल्क नाज करता है, उसे डंडे दिखाकर भगाने की कोशिश और उस पर फब्तियां कसते हुए हंसते डेरा प्रेमियों का राष्ट्रप्रेम भी साफ नजर आया।
परिवार में मान-सम्मान पर सवालिया निशान
यह दुखद है कि डेरे के 32 श्रद्धालुओं को अपने ही समर्थकों द्वारा फैलाए दंगे में जान से हाथ धोना पड़ा है, जिनमें सात पंजाब से ताल्लुक रखते थे। अभी चाहे इनके परिवार इसे डेरा प्रमुख के लिए दी गई कुर्बानी बताएं मगर साल-छह महीने बाद इनके बीवी-बच्चों और माता-पिता आदि को इनकी कमी साफ खलेगी। तब डेरा प्रमुख या डेरा इनके परिवार को देखने नहीं आएगा। राम और रहीम का नाम बदनाम करने वाले गुरमीत सिंह के परिवार के किसी भी सदस्य का इस मौके पर उसके साथ खड़ा न होना डेरा प्रमुख के अपने ही परिवार में मान-सम्मान पर कई सवालिया निशान लगा रहा है। डेरा प्रमुख की वह मुंहबोली बेटी हनीप्रीत ही सिरसा से पंचकूला, पंचकूला कोर्ट में पेशी और फिर रोहतक जेल भेजे जाने तक साथ दिखाई दी, जिससे उसके रिश्ते को लेकर मामला अदालत तक पहुंच गया था। डेरा प्रमुख की पत्नी हरजीत कौर, बेटे जसमीत सिंह, बेटियों चरणप्रीत कौर व अमरप्रीत कौर की ऐसे अहम मौके पर गैर-मौजूदगी परिवार में डेरा प्रमुख की साख को लेकर कई संदेह पैदा करती है।