भाजपा का मिशन 2022: विकास ही एजेंडा, चुनावी मैदान में पीएम मोदी और सीएम योगी की जोड़ी

Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2021 05:10 PM

development is the agenda pm modi and cm yogi pair in the electoral fray

भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव प्रचार की रणभेरी बजा दी है। यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ संदेश दिया कि चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा। अगले वर्ष के शुरु में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता...

नेशनल डेस्कः भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव प्रचार की रणभेरी बजा दी है। यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ संदेश दिया कि चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा। अगले वर्ष के शुरु में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उत्तरप्रदेश के भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी घोषणा की ।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि निषाद पार्टी के साथ बीजेपी का गठबंधन है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी हम मिलकर लड़ेंगे। आज उसका औपचारिक ऐलान हो रहा है। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के अलावा हमारा गठबन्धन अपना दल के साथ भी है। समझौते में सीटें सम्मान जनक होगी। विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

किसान को आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने के बावजूद भाजपा द्वारा जातीय क्षत्रपों को साधने के सवाल पर प्रधान ने कहा कि 2022 के चुनाव में भाजपा अन्य समाज के लोगों को भी गहराई के साथ जोड़ने में सफल होगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा किसानों की असली हितैषी है और किसानों की आय दोगुनी करने को वचनबद्ध है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा ‘'निषाद पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है। लोकसभा चुनाव हमने साथ लड़ा था और विधानसभा चुनाव में भी हम मिलकर कमल खिलाएंगे।''

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले डॉक्टर संजय निषाद ने भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में उतारने की मांग करते हुए दावा किया था कि राज्य में निषाद (मछुआरा) समाज का 18 प्रतिशत मत है और 160 सीटों पर उनकी बिरादरी के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए अलग-अलग समय पर भाजपा से कोई न कोई शर्त रखने वाले डॉक्टर निषाद ने शुक्रवार की पत्रकार वार्ता में किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और वह भाजपा नेताओं के बयान पर सहमति में सिर हिलाते रहे।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने डॉक्टर अयूब के नेतृत्व वाली पीस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। तब निषाद पार्टी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें भदोही जिले के ज्ञानपुर में पार्टी उम्मीदवार विजय मिश्रा को जीत मिली। निषाद की पार्टी को उन सीटों पर 3.58 प्रतिशत मत मिले थे जहां उसने उम्मीदवार उतारे थे, इसके अलावा पीस पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 1.56 प्रतिशत मत मिले। राजनीतिक दल बनने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जातीय आधार पर अपना प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी का चुनाव मैदान में आने का वह पहला तर्जुबा था। 

भाजपा ने जीती गोरखपुर सीट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से रिक्त हुई गोरखपुर संसदीय सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल किया और सपा ने उनके बेटे प्रवीण निषाद को गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया। यह उपचुनाव प्रवीण जीत गये, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय निषाद ने सपा से नाता तोड़कर भाजपा से गठजोड़ कर लिया। प्रवीण निषाद को इस बार भाजपा ने संत कबीर नगर से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीतकर दोबारा लोकसभा में पहुंच गये। उधर, भाजपा आम चुनाव में गोरखपुर सीट भी जीत गई।

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