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महाकुंभ में एआई ट्रांसलेटर एप से श्रद्धालुओं को मिलेगा इलाज में सहूलियत, भाषा की समस्या होगी दूर

Edited By Rahul Rana,Updated: 08 Dec, 2024 12:15 PM

devotees will get convenience in treatment through ai in mahakumbh

महाकुंभ मेला शुरू होने वाला है और इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी आएंगे। इनमें देश-विदेश से आने वाले लोग भी शामिल होंगे। यह श्रद्धालु जब बीमार होंगे तो कई बार भाषा की समस्या आ सकती है लेकिन अब इस समस्या का समाधान मिल गया है। एआई...

नेशनल डेस्क। महाकुंभ मेला शुरू होने वाला है और इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी आएंगे। इनमें देश-विदेश से आने वाले लोग भी शामिल होंगे। यह श्रद्धालु जब बीमार होंगे तो कई बार भाषा की समस्या आ सकती है लेकिन अब इस समस्या का समाधान मिल गया है। एआई ट्रांसलेटर एप की मदद से श्रद्धालु अपनी बीमारी के बारे में डॉक्टर को अपनी भाषा में बता सकेंगे और यह एप उनकी बोली को हिंदी या अंग्रेजी में ट्रांसलेट करेगा।

कैसे काम करेगा एआई ट्रांसलेटर एप?

यह एप देश की 22 भाषाओं के साथ-साथ 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को भी सपोर्ट करेगा। इनमें तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगाली जैसी प्रमुख भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी, अरबी, फ्रेंच जैसी अंतरराष्ट्रीय भाषाएं भी शामिल हैं। एआई ट्रांसलेटर एप का इस्तेमाल सबसे पहले छावनी सामान्य अस्पताल के आईसीयू वार्ड में किया जाएगा। यहां पर डॉक्टरों के फोन में यह एप इंस्टाल किया जाएगा जिससे मरीज अपनी बीमारी के बारे में अपनी भाषा में बता सकेंगे और डॉक्टर उन्हें हिंदी या अंग्रेजी में जवाब देंगे।

महाकुंभ के दौरान अस्पतालों में मिलेगी बेहतर सुविधा

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को इलाज में कोई दिक्कत न हो इसके लिए 30 बेड का आईसीयू तैयार किया गया है। कैंटोनमेंट बोर्ड के तहत छावनी सामान्य अस्पताल में 20 आईसीयू बेड हैं जिसमें एआई ट्रांसलेटर एप की सुविधा होगी। इसके अलावा सेंट्रल हॉस्पिटल और अरैल के सब हॉस्पिटल में 10-10 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। झूंसी के सब हॉस्पिटल में भी 10 आईसीयू बेड की सुविधा होगी जिनकी मदद से श्रद्धालुओं को त्वरित इलाज मिल सकेगा।

कैसे करेगा एआई कैमरा निगरानी?

एआई कैमरे का भी अस्पताल में उपयोग किया जाएगा। इन कैमरों के जरिए लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों की तबीयत पर निगरानी रखेंगे। अगर मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो यह सूचना तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच जाएगी। यह सिस्टम मरीजों के इलाज को और भी प्रभावी बनाएगा।

छावनी अस्पताल का दावा:

कैंटोनमेंट बोर्ड का दावा है कि देश में यह पहली बार हो रहा है कि इस तरह का एआई ट्रांसलेटर एप अस्पताल में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे न सिर्फ मरीजों को अपनी भाषा में डॉक्टर से बात करने का मौका मिलेगा बल्कि इलाज में भी तेजी आएगी।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए यह नई सुविधा उन्हें उपचार के दौरान किसी भी तरह की भाषाई समस्या से मुक्त करेगी और वे आसानी से डॉक्टर से अपनी समस्या साझा कर सकेंगे।

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