Edited By ,Updated: 16 Jan, 2017 12:03 AM
भूमिगत खदान अग्नि क्षेत्र से गुजरने वाली धनबाद-चन्द्रपुरा रेलवे लाइन खतरे में और ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही एवं यात्रियों की सुरक्षा...
धनबाद : भूमिगत खदान अग्नि क्षेत्र से गुजरने वाली धनबाद-चन्द्रपुरा रेलवे लाइन खतरे में और ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्काल आवश्यक उपाय किए जाने की जरूरत है। सवारी और मालगाडिय़ों के लिए यह ट्रैक पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) का मुख्य गलियारा है।
कोयले की ढुलाई करने वाले मालगाडिय़ों के अलावा हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, धनबाद-केरल अलापुझा एक्सप्रेस, रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस सहित 24 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें इस ट्रैक पर चलती हैं।
धनबाद के उपायुक्त ए. डोडे ने आज कहा कि खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के अधिकारियों को ईसीआर के धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले इस रेलवे ट्रैक पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी रपटें पेश करने को कहा गया था।
उन्होंने कहा कि इसके बाद सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग रिसर्च फ्यूल (सीआईएमआरएफ) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल), डीजीएमएस, भारत कोकिंग कोल के विशेषज्ञों और जिला प्रशासन ने कल इस रेलवे लाइन का निरीक्षण किया और तत्काल उपाय करने का निर्देश दिया।
पिछले साल 30 दिसंबर को झारखंड के गोड्डा जिले में लालमटिया आेपन कास्ट खदानों में आग लगने से 18 नाबालिग बच्चों की मौत हो गई थी और पांच लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।