Edited By Monika Jamwal,Updated: 05 Jan, 2021 06:14 PM
छोटा काशी के नाम से विख्यात तीर्थस्थल पुरंमडल के ऐतिहासिक मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों एवं धर्मार्थ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने आज 37वें दिन भी अपना धरना जारी रखा और धर्मार्थ ट्रस्ट के खिलाफ नारेबाजी की।
साम्बा : छोटा काशी के नाम से विख्यात तीर्थस्थल पुरंमडल के ऐतिहासिक मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों एवं धर्मार्थ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने आज 37वें दिन भी अपना धरना जारी रखा और धर्मार्थ ट्रस्ट के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वाले इन कर्मियों ने बताया कि वह लोग पुरमण्डल और उत्तरबहनी में स्थित इन प्राचीन मंदिरों में अपने बाप-दादाओं के समय से पूजा-अर्चना करते आ रहे है लेकिन धर्मार्थ ट्रस्ट उनका लगातार शोषण करता चला आ रहा है। इनका आरोप था कि ट्रस्ट इन्हें महज नाममात्र वेतन देकर दिन-रात सेवाएं ले रहा है।
इन लोगों का कहना था कि पुरमण्डल और उत्तरबहनी में धर्मार्थ ट्रस्ट के लगभग 50 कर्मचारी काम कर रहे हैं और इनकी मांग है कि धर्मार्थ ट्रस्ट को भंग कर के इस ऐतिहासिक तीर्थस्थलों को माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर श्राईन बोर्ड गठित कर उसके अधीन लाया जाए ताकि इस तीर्थस्थल का विकास हो सके और और यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों की भी परेशानियां दूर हो सकें। इन्होंने कहा कि प्राचीन भव्य मंदिर देखरेख और बोर्ड न होने के कारण खंडहरों में बदल रहे हैं इसलिए सरकार को चाहिए कि वह उचित कदम उठाए ताकि इन एतिहासिक धरोहरों को बचाया जा सके। इस मौके पर पंडित आनंद किशोर शास्त्री, पंडित द्वारका नाथ, विनोद शास्त्री, पुरषोत्तम शास्त्री, रवि शास्त्री, रविशंकर शास्त्री, सुनील जमवाल, पवन कुमार, पवन कुमार, प्रीतम शर्मा, विजय कुमार आदि लोग उपस्थित थे। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि जब तक हमारी मांग को पूरा नहीं किया जाता, संघर्ष जारी रहेगा।