ट्रंप और रोमेनी के बीच खाई हुई और चौड़ी

Edited By ,Updated: 11 Jun, 2016 01:36 PM

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अमरीका के राष्ट्रपति पद के संभावित रिपबिलकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और मिट रोमेनी के बीच मतभेद की खाई और चौड़ी हो गई है।

अमरीका के राष्ट्रपति पद के संभावित रिपबिलकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और मिट रोमेनी के बीच मतभेद की खाई और चौड़ी हो गई है। प्रतिनिधियों से मिलने वाले वोटोंं में से उनका एक वोट कम हो गया है। उन्हीं की पार्टी के रोमेनी ने घोषणा कर दी है कि वह नवंबर में किसी आजाद उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगे। हालांकि रिपब्लिकन पार्टी के अन्य सदस्य ट्रंप को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन मिट रोमेनी ने नरम पड़ने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। इस संबंध में डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट टेलीग्राफ डॉट के साभार से जानकारी जुटाई गई है।

सीएनएन को दिए इंटरव्यू को रोमेनी ने बता चुके हैं कि वे आजाद उम्मीदवार ग्रे जॉनसन को अपना वोट देने पर विचार करेंगे। गौरतलब है कि रोमेनी मैस्सचूएट्टस के गर्वनर रह चुके हैं। वे कहते हैं कि यदि आजाद उम्मीदवार बिल वेल्ड उप राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। वेल्ड भी मैस्सचूएट्टस के गर्वनर थे। उन्होंने रोमेनी के चुनाव अभियान के लिए चंदे की व्यवस्था की थी।

मिट रोमेनी का मनाना है​ कि नवंबर तक आने वाले महीनों में यदि उन्हें लगेगा कि बिल वेल्ड और ग्रे जॉनसन में जो सबसे बढिया प्रदर्शन करेगा तो उनके लिए उसका आकलन करते हुए राष्ट्रपति पद के लिए वोट देना और आसान हो जाएगा। इसी साल की शुरुआत में रोमेनी ने ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा था कि वे एक चालबाज व्यक्ति हैं। पार्टी के मुख्य नेता के रूप में उन्हें उभरने से रोकने के लिए ट्रंप ने पैसे के बल पर समर्थकों को खरीद लिया।

डोनाल्ड ट्रंप पर हाल में हमला करते हुए मिट ने उन्हें पक्षपात करने वाला व्यापारी बताया था। उनका कहना है कि वह बिल्कुल नहीं चाहते कि जातिवाद के विचारों को फैलाया जाए। वह इसके पक्ष में भी नहीं हैं कि अमरीका का राष्ट्रपति मूल रूप से उनके देश की पीढियों का वर्षों पूर्व जो चरित्र रहा है उसे बदल दें। वे जोर देते हैं कि इसी चरित्र का अगली पीढियां अनुसरण कर रही हैं।

उनका मानना है कि हमारे देश की जो प्रकृति है उसका राष्ट्रपति पर पूरा प्रभाव होता है। ट्रंप की ओर इशारा करते हुए वे आलोचना करते हैं कि जातिवाद, भेदभाव, स्त्री जाति से पक्षपात करने जैसा नजरिया अपनाया जाएगा तो यह देश के दिल और चरित्र के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। वह ट्रंप द्वारा ऐसी नीतियां अपनाए जाने का आरोप लगाते हैं।

गौरतलब है​ कि रोमेनी 2012 में भी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन वह बराक ओबामा से हार गए थे। वह चार साल तक मैस्सचूएट्टस के गर्वनर रहे हैं। इस समय रोमेनी इनवेस्ट फर्म सोलामर कैपिटल के ग्रुप चेयरमैन हैं। वह साल्ट लेक आॅर्गेनाइजिंग कमेटी के सीइओ रह चुके हैं। इस साल भी उन्हें राष्ट्रपति पद का मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था। कुछ स्थानों पर हारने के बाद वे इस दौड़ से बाहर हो गए।

सीएनएन डॉटकॉम से बातचीत में रोमेनी ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए तीसरी पार्टी को खड़ा करने के इरादे को खारिज कर दिया। उनके बारे में डोनाल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन का मुकाबले करने के लिए किसी अन्य को लाने के प्रयास की चर्चा होने लगी थी। बाद में उनके पारिवारिक सूत्रों ने ही इससे मना कर दिया। अपनी ही पार्टी में से ट्रंप को एक झटका मिल गया है।

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