बार्डर फायरिंग: गर्मी व मच्छरों के बीच जागकर कटती है शिविरों में रहने वाले लोगों की रात

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2018 11:38 AM

difficult nights of border migrants

18 मई की सुबह के चार बजे पाकिस्तान ने सीमा पर गोले बरसाने शुरू कर दिए उस समय हम सोए हुए थे। एकदम धमाकों की आवाज सुनकर पहले हम सहम उठे ओर जैसे तेसे बच्चों को लेकर कमरे की तरफ दौड़े।

आर.एस.पुरा : 18 मई की सुबह के चार बजे पाकिस्तान ने सीमा पर गोले बरसाने शुरू कर दिए उस समय हम सोए हुए थे। एकदम धमाकों की आवाज सुनकर पहले हम सहम उठे ओर जैसे तेसे बच्चों को लेकर कमरे की तरफ दौड़े। पाकिस्तान ने हमारे गांव में 20 के करीब गोले बरसाए जिससे गांव के तीन लोगों कीे मौत हो गई। सीमावर्ती गांव चंदूचक्क की दलजीत कौर ने पंजाब केसरी से यह बात कहते हुए रो पड़ी। उसने बताया कि गोलाबारी के बीच अपने बच्चों को लेकर भूखे प्यासे  नंगे पाव घर से भागे और दुख की बात है कि सरकार की तरफ से काई मदद नहीं मिली। । हल्लाकि 23 मई के बाद गोलाबारी बंद है लोकिन लोगों के मन में गोलाबारी के खौफ देखने को मिल रहा है। 


दलजीत कौर नेे बताया कि उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है क्योकि वह स्कूल नहीं जा पा रही हैं। घर का एक सदस्य जो घर मे रहता है हमें उसकी भी चिंता सता रही है क्योकि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। शिविरों में प्रशासन ने खाने पीने व रहने की व्यवस्था कर रखी है लेकिन रात को बिजली की कटौती  होने से भीषण गर्मी में रात काटनी मुश्किल हो जाती है। इसके अलावा मच्छरों की कमी नहीं है हमें रात जागकर बतानी पड़ रही है। वहीं शौचालय सहित नहाने की व्यवस्था के प्रयाप्त बंदोबस्त नही होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही। उन्होंने बताया कि शिविरों में घर जैसी सुविधा कहां मिल सकती हैं।  


कश्मीरी  पंडितो की तर्ज पर बार्डर ऐरिया के लोगों को मिले सुविधाएं
गांव लाइंया के बलबीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण हम इस साल में तीसरी बार घर छोडऩे को मजबूर हुए हैं। गोलाबारी में हमने अपनो को खोया है। हमारे बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है। उन्होंने काहकि जम्मू कश्मीर सरकार अगर कश्मीरी पंडितों का स्थायी हल कर उनके लिए हर इंतजाम कर सकती तो सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों से भेदभाव क्यो किया जा रहा है। हमें तो बार बार उठना पड़ रहा है। पाकिस्तानी गोलियों ने हमारे अपनों को गोलियों से छलनी किया है ओर हमारे माल मवेशी भी मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कश्मीरी पंडितों की तर्ज पर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को प्रत्येक सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए। 

पाक को नहीं शांति पंसद
गांव लाईया के जयं सिंह, रोशन लाल, परमीज कौर आदि ने बताया कि वह शांति चाहते हैं ओर गोलाबारी बंद होनी चाहिए मगर पाकिस्तानी शंाति की भाषा पंसद नहीं है। अगर सुरक्षा बलों व प्रशासन ने हमें शिविरों में बिठाया है तो पाकिस्तान पर कार्रवाई क्यो नहीं की जा रही है। उन्होंन बताया कि वह रोज-रोज की गोलाबारी से तंग आ चुके है क्योंकि हमारे लिए जंग लग चुकी है। इन लोगों का कहना है कि मोदी सरकार को पाकिस्तान के साथ आर-पार की जंग करनी चाहिए। 


बच्चों की पढ़ाई का नुकसान
सीमा से सटे गांव में रहने वाली युवती मन्नु चौधरी पढऩे में काफी अच्छी है ओर दसवंी कक्षा में अव्वल रहीं। उसने बताया कि अब वह बारहवीं कक्षा में है। उसका सपना आर्मी अफिसर बनकर देश के दुशमनों के खिलाफ मुकाबला करना है। मन्नु चौधरी ने बताया कि गोलाबारी से स्कूल बंद हैं ओर शिविरों में पढ़ाई नहीं हो सकती है। उसे डर है कि पाकिस्तानी गोलाबारी से हुई शिक्षा प्रभवित होने से कहीं उसके अंक कम न आएं। इसी तरह स्कूली छात्रा मंदीप चौधरी, सपना देवी, पूजा देवी,वशिका,ज्योति चौधरी प्रशासन को शिविरों में एक्स्ट्रा कलास लगानी चाहिए ताकि बच्चों की शिक्षा पर असर नहीं पड़ सके।  

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