Edited By Yaspal,Updated: 01 Nov, 2019 06:19 PM
झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र और हरियाणा में झटका खाने के बाद भाजपा के लिए झारखंड की चुनौती भी आसान नहीं होगी। यहां सत्ता में वापस आने के लिए उसे नया इतिहास रचना होगा। राज्य का चुनावी गणित समझना
नेशनल डेस्कः झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र और हरियाणा में झटका खाने के बाद भाजपा के लिए झारखंड की चुनौती भी आसान नहीं होगी। यहां सत्ता में वापस आने के लिए उसे नया इतिहास रचना होगा। राज्य का चुनावी गणित समझना इतना कठिन है कि फिर से सत्ता में वापसी करना बहुत मुश्किल हो जाता ह। राज्य के गठन को 19 साल हो चुके हैं। इस दौरान चार बार विधानसभा चुनाव हुए और 10 मुख्यमंत्री बने।
रघुवर दास पहले सीएम, जिन्होंने पूरा किया पांच साल का कार्यकाल
रघुवर दास इकलौते ऐसे सीएम हैं, जो पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हों। राज्य के 19 साल के इतिहास में भाजपा आज तक अकेले दम पर सरकार नहीं बना पाई है।
रघुवर दास के मुख्यमंत्री बनने से पहले दो विधानसभा में काफी उठापठक देखने को मिली। 2005 से 2009 के बीच तीसरी विधानसभा के दौरान चार मुख्यमंत्री ने शपथ ली। पहले शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने, फिर भाजपा के अर्जुन मुंडा को सीएम पद सौंपा गया। मगर जल्द ही निर्दलीय मधु कोड़ा के हाथों में कमान आ गई। हालांकि उन्हें फिर से शिबू सोरेन को सत्ता सौंपनी पड़ी। 2009 से 2014 के बीच राज्य में तीन मुख्यमंत्री बने थे।