आस्था का प्रदूषण: यमुना के घाटों पर फैली गंदगी

Edited By vasudha,Updated: 21 Oct, 2018 01:19 PM

dirt spread over the ghats of yamuna

शनिवार को मां दुर्गा की प्रतिमाएं यमुना में विसर्जित की गई जिससे यमुना और ज्यादा मैली हो गई। विसर्जन का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा...

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): शनिवार को मां दुर्गा की प्रतिमाएं यमुना में विसर्जित की गई जिससे यमुना और ज्यादा मैली हो गई। विसर्जन का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। आस्था के नाम पर यमुना को जमकर प्रदूषित किया गया। प्रशासन द्वारा लोगों को बार-बार यमुना को प्रदूषित होने से बचाने की सलाह देने के बावजूद लोग यमुना में मूर्ति विसर्जन करने से नहीं चूके। शनिवार को जब यमुना का जायजा लिया गया तो कहीं मां दुर्गा के हाथ बिखरे पड़े दिखाई दिए तो कहीं पैर, मां दुर्गा के साथ ही उनके शेर का मुंह भी टूटा हुआ दिखा। 
PunjabKesari

पानी में से निकालकर दुर्गा प्रतिमाएं ले जा रहे मूर्तिकार 
भक्तों की रक्षा करने वाली मां दुर्गा की मूर्ति खंड-खंड में इधर-उधर बिखरी पड़ी दिखाई दी। आस्था के नाम पर शनिवार को यमुना को खुलकर लोगों ने प्रदूषित किया। दिन-प्रतिदिन यमुना मैली होती जा रही है। इसके दोषी लोग तो हैं ही, साथ ही सरकार की लापरवाही और प्रशासन का रवैया भी जिम्मेदार है। इसके चलते लगातार पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। मालूम हो कि सालभर लोग शारदीय नवरात्र का इंतजार करते हैं ताकि मां दुर्गा की नौ दिनों तक मूर्ति रखकर पंडाल सजाकर पूजा-अर्चना कर सकें। पूर्जा-अर्चना करने के बाद मूर्ति विसर्जन का काम शुरू होता है जिससे यमुना का दम फूलने लगता है। ऐसा ही हाल शनिवार को यमुना तटों पर देखने को मिला। जहां भक्तगण इन मूर्तियों को प्रवाहित कर भूल गए, वहीं मूर्तिकार व यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोग इसमें व्यवसाय व दो वक्त की रोटी का जुगाड़ खोजते दिखाई दिए। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि एनजीटी के आदेश की अवहेलना हम खुद लगातार कर रहे हैं और पर्यावरण प्रदूषण का दोष सरकारों पर मंढते रहे हैं। 

PunjabKesari
यमुना में बढ़ जाती है पारे की मात्रा 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक सामान्य समय में यमुना के पानी में पारे की मात्रा लगभग नहीं के बराबर होती है। लेकिन धार्मिक उत्सवों के दौरान यह अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। यहां तक कि क्रोमियम, तांबा, निकिल, जस्ता, लोहा और आर्सेनिक जैसी भारी धातुओं का पानी में अनुपात भी बढ़ जाता है। यमुना को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कोर्ट भी कई बार सरकारी एजेंसियों को तमाम तरह के सुझाव दे चुका है। कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्वावधान में एक कमेटी भी बनी थी जिसने पर्यावरणपूरक मूर्ति-विसर्जन को लेकर कुछ अहम सुझाव दिए थे। सुझावों के मुताबिक मूर्तियों पर ऐसे केमिकल से बने रंगों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगनी चाहिए जो जहरीले हों और नॉन बायोडिग्रेडेबल हों मतलब घुलनशील न हों। सिर्फ प्राकृतिक तथा पानी में घुलनशील रंग का ही इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस की बजाय मिट्टी की मूर्तियां बनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया था। 

सफाई का काम होता जा रहा बेकार
यमुना की सफाई का काम वर्ष 1993 में शुरू किया गया था। पहले चरण में वर्ष 2003 तक करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इससे काफी मात्रा में कचरा साफ किया गया। लेकिन कचरा डालने का काम रुका नहीं तो सफाई बेअसर साबित हो गई। सफाई बेअसर साबित होने के पीछे अन्य कारणों के साथ प्रतिमा विसर्जन भी एक कारण रहा है। वर्ष 2003 से यमुना को साफ करने का दूसरा चरण शुरू हुआ जिसमें 600 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए। इसके तहत यमुना में सीवर का पानी सीधे नहीं गिरे, इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए। तीसरे चरण में यमुना एक्शन प्लान पर 1600 करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ। 

PunjabKesari
प्लास्टिक जनित प्रदूषण से करेंगे जागरूक
प्लास्टिक जनित प्रदूषण के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पूर्वी निगम द्वारा इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के साथ मिलकर पूर्वी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 8 दिनों के लिए डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 22 अक्तूबर से शुरू होकर एक नवंबर तक चलेगा। पूर्वी निगम के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले इस जागरूकता अभियान के अंतर्गत प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में ना केवल बताया जाएगा अपितु अपशिष्ट प्लास्टिक के पृथकीकरण (सेग्रीगेशन), एकत्रीकरण (कलेक्शन), भंडारण (स्टोरेज), प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग), निस्तारण (डिस्पोज़ल) के बारे में महत्पपूर्ण जानकारी भी दी जाएंगी। 

‘स्वच्छता अपनाओ बीमारी से छुटकारा पाओ’
पूर्वी निगम के महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने शनिवार को प्रताप नगर में निर्मित शौचालय का लोकार्पण जनता को करते हुए कहा कि यदि सभी लोग भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्र स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत को अपना लें तो देश में बीमारियों से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा। और लोग जो बीमारियों में खून-पसीने की कमाई को गंवा देते हैं, उससे काफी हद तक निजात मिल जाएगी और धन की भी बर्बादी बचेगी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!