नीति आयोग की बैठक में 2047 के विजन पर चर्चा, PM मोदी का इन मुद्दों पर रहा जोर

Edited By Yaspal,Updated: 07 Aug, 2022 09:13 PM

discussion on the vision of 2047 in the meeting of niti aayog

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राज्यों से सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया है जिससे भारत को कोविड महामारी से उबरने में मदद मिल सके

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राज्यों से सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया है जिससे भारत को कोविड महामारी से उबरने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केन्द्र में नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य ने अपनी क्षमता के अनुरूप भारत के कोविड संषर्ष में योगदान दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस कारण से भारत विकासशील देशों के लिए एक आदर्श बन कर उभरा है और वे उसे वैश्विक नेता के तौर पर देखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संघीय ढांचा और सहकारी संघवाद कोविड के दौरान दुनियाभर में एक आदर्श बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने विकासशील देशों को एक सशक्त संदेश दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद चुनौतियों से निपटना संभव है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय राज्य सरकारों को जाता है, जिन्होंने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सहयोग किया और आम जनता को जन सेवाएं सुनिश्चित की।

प्रधानमंत्री ने बैठक में लिए गए सभी मुद्दों के महत्व पर प्रकाश डाला और कृषि एवं पशुपालन के आधुनिकीकरण और खाद्य प्रसंस्करण में आत्मनिर्भरता तथा कृषि में वैश्विक नेता बनने पर जोर दिया। मोदी ने वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाली जी-20 सम्मेलन का उल्लेख किया और कहा कि यह दुनिया को बताने का अवसर है कि केवल दिल्ली ही भारत नहीं है, बल्कि देश में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित क्षेत्र भी भारत है। उन्होंने कहा कि हमें जी-20 के आस-पास एक जन आंदोलन विकसति करना चाहिए। इससे देश में सर्वोत्तम प्रतिभाओं को पहचानने में मदद मिलेगी। प्रत्येक राज्य में जी-20 पर एक दल का गठन किया जाना चाहिए, जो इससे अधिकतम लाभ ले सकें।

प्रधानमंत्री ने समापन भाषण में कहा कि प्रत्येक राज्य को तीन टी-ट्रेड, दूरिज्म और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और दुनियाभर में राजदूतों से संपकर् करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्यों को आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल किसी राजनीतिक पाटर्ी का एजेंडा नहीं, बल्कि साझा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रहण बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकरों के प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक स्थिति मजबूत करने और पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक है।

मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि यह व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है और इसे नियत समय सीमा के भीतर लागू किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक में विचार-विमर्श के लिए लिये गए मुद्दे अगले 25 वर्ष के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओँ का निर्धारण करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हम जिसका भी बीजारोपण करेंगे उसके फल 2047 में आयेंगे। शासी परिषद की यह महामारी शुरू होने के बाद पहली बैठक है। इससे पहले 2021 में यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गई थी। बैठक में 23 राज्यों के मुख्यमंत्री, तीन उपराज्यपाल और दो प्रशासक तथा केन्द्रीय मंत्री शामिल हुए।

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