Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Feb, 2020 03:09 PM
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) सूची को लेकर नया विवाद सामने आया है। NRC स्टेट कोऑर्डिनेटर ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को भेजे ज्ञापन में कहा है कि एनआरसी सूची में गलत तरीकों से नाम शामिल करने और बाहर करने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।...
नेशनल डेस्क: असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) सूची को लेकर नया विवाद सामने आया है। NRC स्टेट कोऑर्डिनेटर ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को भेजे ज्ञापन में कहा है कि एनआरसी सूची में गलत तरीकों से नाम शामिल करने और बाहर करने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही एनआरसी की अंतिम सूचि में गलत तरीके से शामिल किए गए नामों की भी डिटेल मांगी है। इस बार में एक दिन के भीतर ही जवाब मांगा गया है।
बता दें कि NRC की अंतिम सूची पिछले साल 31 अगस्त को प्रकाशित हुई थी। इस सूचि से 19.06 लाख से अधिक लोग इससे बाहर हो गए थे। SC कोर्ट के आदेश के बाद NCR स्टेट कोऑर्डिनेटर की वेबसाइट पर लिस्ट अपलोड़ की गई थी जिसमें 3.11 करोड़ शामिल किए गए थे जबकि इससे 19.06 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए थे। इनमें से ज्यादातर हिंदू थे।
एनआरसी राज्य समन्वयक हिरेश देव शर्मा ने असम के सभी 33 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से कहा है कि वे अयोग्य व्यक्तियों का विवरण दें, जिन्हें एनआरसी में शामिल किया गया है। उनका कहना है कि 31 अगस्त, 2019 को अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के बाद पता चला है कि अपात्र लोगों के कुछ नाम अंतिम एनआरसी में शामिल कर लिए गए हैं, जिनके केस फॉरेन ट्रिब्यूनल में लंबित है। ऐसे लोगों के बारे में विवरण मुहैया कराया जाए जिनका नाम एनआरसी में शामिल किया जा सकता है।