Edited By shukdev,Updated: 09 May, 2020 10:38 PM
बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि उसने दिल्ली से प्रवासी कामगारों को बिहार भेजने पर आने वाला खर्च वहन करने का दावा किया है। लेकिन आप ‘आधा-सच'' ही बोल रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल सरकार ने भुगतान की गई...
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि उसने दिल्ली से प्रवासी कामगारों को बिहार भेजने पर आने वाला खर्च वहन करने का दावा किया है। लेकिन आप ‘आधा-सच' ही बोल रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल सरकार ने भुगतान की गई राशि की प्रतिपूर्ति की मांग की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी जद (यू) ने आप पर “लोकप्रियता हासिल करने के लिए सस्ती राजनीति' करने का आरोप लगाया।
पार्टी ने इस मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला जिन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था।
आप ने शुक्रवार को दावा किया था कि बिहार सरकार द्वारा ध्यान नहीं देने के बाद केजरीवाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों की यात्रा पर आने वाला खर्च वहन किया। दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, ‘1,200 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक ट्रेन आज मुजफ्फरपुर, बिहार के लिए रवाना हुई। अरविंद केजरीवाल सरकार उनकी यात्रा पर आने वाला खर्च वहन करेगी।'
जद (यू) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आप पर तीखा पलटवार करते हुए शनिवार को कहा, “सबसे पहले, उन्होंने (दिल्ली सरकार) ने किराए का भुगतान किया और बाद में उसके मंत्री गोपाल राय ने इसे ट्विटर पर पोस्ट किया।' उन्होंने कहा, "इसके बाद दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया है कि वह किराए पर आए खर्च की प्रतिपूर्ति करे। गोपाल राय ने अपने पोस्ट के माध्यम से लोगों को आधा सच ही बताया।"
प्रसाद ने कहा, "इस तरह का हथकंडा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए होता है।" उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि पृथक-वास केंद्र पर 21 दिन पूरा करने के बाद लोगों को पूरे खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी और 500 रुपए की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को 1,000 रुपए की न्यूनतम सहायता दी जाएगी।
जद (यू) प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव के हालिया बयानों को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,‘पहले, आपने (यादव) ने 50 बसें देने की बात की (कोटा में फंसे छात्रों को बिहार लाने के लिए), फिर 200 ट्रेनों के लिए किराया देने की बात की... आपके वादों की सूची लंबी होती जा रही है। सबसे पहले, आपको संकट की इस घड़ी में लोगों के सामने आना चाहिए।' राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।